बुखार पीड़ित दो बच्चों की जिला अस्पताल में मौत हो गई। छह बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं और इनमें तीन को शॉक सिंड्रोम है। तीन बच्चे जटिल फीवर के भर्ती कराए गए हैं। ओपीडी में भी गम्भीर बच्चों की भरमार है। मरने वाले बच्चों में 11 महीने के आयुष पुत्र अजय निवासी पेड़वापुर मानपुर और सात महीने की सुनिधि पुत्री जयकरन निवासी मछरेहटा शामिल है। दोनों बच्चे शॉक सिंड्रोम में भर्ती कराए आए थे। गंभीर होने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। सात महीने की बच्ची महज एक घंटे अस्पताल में भर्ती रह पाई उसकी सांस उखड़ गई। वहीं आयुष की जेई समेत कई जांचें कराई गई थीं जो निगेटिव आई हैं। डाक्टरों ने इसे जटिल बुखार बताया है।
इस समय अस्पताल के बाल रोग वार्ड में 26 बेड पर 48 बच्चे भर्ती हैं। इनमें बुखार पीड़ित बच्चों की संख्या 25 है बाकी डायरिया और गैस्ट्राइटिस से पीड़ित हैं। उधर बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि झोलाछाप से इलाज में बच्चे गम्भीर हो रहे हैं। मरने वाले बच्चों में एक को सेप्टीसीमिया हुआ था। उसे हैवी डोज एंटीबायोटिक झोलाछाप ने दे दी थी इसलिए उस पर दवाएं बेअसर हो रही थीं। दूसरी बच्चे को भी झटके आ रहे थे। सीएमएस डॉ. आरके सिंह का कहना है कि मरने वाले दोनों बच्चों की हालत काफी नाजुक थी। बच्चों को देर से अस्पताल लाने से स्थिति बिगड़ रही है।