गुरुग्राम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 70 से 80 हजार रुपये लेकर लिंग जांच करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान टीम ने डॉक्टर सहित तीन लोगों को पकड़ा। अल्ट्रासाउंड सेंटर से रिकॉर्ड जब्त करने के बाद मशीन सील कर दी गई। पुलिस ने शिकायत पर शनिवार को पटौदी थाने में मामला दर्ज कर डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि इस मामले में अभी भी तीन लोग फरार हैं।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप यादव ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि फर्रुखनगर और पटौदी इलाके में 70 से 80 हजार रुपये लेकर लिंग जांच की जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य एक गर्भवती महिला को लेकर उनके पास पहुंचे। उनके द्वारा 70 हजार रुपये मांगे गए। 13 जून को उनके द्वारा बताए गए कुलदीप नाम से खाते में 25 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
इसके बाद 23 जून को 45 हजार रुपये नगद लेने के बाद 25 जून को सुबह दस बजे याकुबपुर झज्जर बुलाया। वहां पर टीम महिला को लेकर पहुंची। डॉ. बलराम नामक युवक बाइक से आया और उनको पटौदी के हेलीमंडी की तरफ लेकर चलने लगा। बलराम के साथ एक अन्य बाइक पर दो युवक अभिमन्यु और महेश भी चल रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद वह लोग पटौदी के नागरिक अस्पताल के सामने ओम साई अल्ट्रासाउंड सेंटर पर पहुंचे।
बलराम उनको छोड़कर चला गया। वह लोग महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग जांच करने के लिए सेंटर के अंदर लेकर गए। वहां से टीम को इशारा मिलने पर लिंग जांच करते हुए डॉ. पुनीत, महेश और अभिमन्यु को टीम ने पकड़ लिया। डॉ. पुनीत द्वारा किए गए अल्ट्रासाउंड की पर्ची से पता चला कि आरोपियों द्वारा फर्जी नाम के साथ दस्तावेज तैयार किए गए थे। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
सेंटर के रिकॉर्ड में मिलीं खामियां
डॉ.प्रदीप यादव ने बताया कि जिस सेंटर में अल्ट्रासाउंड किया जा रहा था, उसके रिकॉर्ड में कई खामियां मिलीं। उनके द्वारा एफ-फार्म भी सही से नहीं भरा गया था। दस जून के बाद का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। सेंटर द्वारा सही तरीके से रिकॉर्ड नहीं तैयार किया जा रहा था।
नहीं है डॉक्टर की डिग्री
स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि डॉ. बलराम जिसने से लिंग जांच करवाने के लिए रुपये लिए थे। उसके पास डॉक्टर होने की डिग्री नहीं है। वह फर्रुखनगर में क्लीनिक चलाता है। अभी वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा कि उसके साथ और कौन-कौन शामिल हैं। कितने समय से वह यह काम कर रहा था।
लिंग जांच करने वाले गैंग की काफी दिनों से सूचना मिल रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉक्टर सहित तीन लोगों को पकड़ा। अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया है। लिंग जांच या अवैध तरीके से गर्भपात करने वाले के बारे में जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे सकते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।