दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर कुख्यात गैंगस्टर इस समय सलाखों के पीछे हैं, लेकिन वर्चस्व को लेकर बाहर गैंगवार की घटनाएं लगातार अंजाम दी जा रही हैं। कुछ घटनाओं की जांच में सामने आया है कि गैंगस्टर जेल में रहते हुए भी वर्चुअल नंबर के जरिए गुर्गों के संपर्क में बने हुए हैं। गुर्गे फोन पर जेल में बंद गैंगस्टर से निर्देश लेकर न सिर्फ गैंग चला रहे हैं, बल्कि प्रतिद्वंद्वी बदमाशों को मौका मिलने पर मौत के घाट उतारने से गुरेज नहीं कर रहे। यही कारण है कि गैंगवार की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वर्चुअल नंबर के इस्तेमाल के चलते लोकेशन जानने में मुश्किल होती है।
50 से ज्यादा बदमाश बंद
पुलिस की मानें तो इस समय दोनों गुटों के ज्यादातर सरगना गैंगस्टर और उनके गैंग के बदमाशों समेत 50 से ज्यादा कुख्यात सलाखों के पीछे पहुंचाए जा चुके हैं। वहीं, तीन दर्जन से अधिक बदमाश मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इनमें से कुछ गैंग के सरगना भी मारे जा चुके हैं। लेकिन गैंग गुर्गों के जरिए संचालित हो रहा है।
विदेश से भी संचालन
दोनों ही गुटों के कुछ गुर्गे विदेश से गैंग को संचालित कर रहे हैं। इनमें लॉरेंस विश्नोई, काला जठेड़ी और बंबिया गैंग के गुर्गों के बारे में पुलिस को जानकारी भी हाथ लगी है। पुलिस इंटरपोल के जरिए इन गैंगेस्टर को भारत लाने की फिराक में जुटी है।
इन गैंग के बीच दुश्मनी
सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया नीरज बवाना, नवीन बाली, कौशल और पश्चिमी यूपी के सुनील राठी से हाथ मिलाकर काम कर रहा है।
जितेंद्र उर्फ गोगी के गुट में काला जठेड़ी, लॉरेंस बिश्नोई, सूबे गुर्जर और अशोक प्रधान शामिल हैं।
दोनों गुटों के पांच-पांच गैंग के गुर्गे वर्चुअल नंबर के जरिए आकाओं के संपर्क में हैं। राजधानी और आसपास में हाल-फिलहाल हुई कुछ वारदात की जांच में पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में हुई करीब दो दर्जन आपराधिक वारदात में इन गुर्गों की संलिप्तता रही है। पुलिस इन गुर्गों की तलाश में छापेमारी कर रही है, ताकि गैंगवार की घटनाएं रोकी जा सकें।
खास गुर्गों ने संभाल रखी है गिरोह की कमान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस समय राजधानी में दस बड़े गैंगस्टर के गुर्गे सक्रिय हैं। गैंगस्टर पांच-पांच के गुट में बंटे हुए हैं और दोनों गुटों में रंजिश चल रही है। दोनों तरफ के अधिकतर गैंगस्टर जेल में हैं और उनके खास गुर्गों के हाथ में गिरोह की कमान है। गुर्गे जेल में बंद गैंगस्टर के निर्देश पर विरोधी गैंग के सदस्यों को ठिकाने लगाने के लिए वारदात कर रहे हैं।
तिहाड़ के डीजी संदीप गोयल ने कहा, ‘हम तकनीकी और मैनुअल, दोनों ही तरीके से जेल में मोबाइल पहुंचाने वालों पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही कुछ तकनीकी कदम उठाने जा रहे हैं, ताकि जेल में बंद बदमाशों का बाहर से संपर्क न रहे।’
कौन चला रहा गैंग
टिल्लू गैंग: दीपक पाकिस्मान
नीरज बवाना गैंग: सनी ईसापुर
नवीन बाली गैंग: भाऊ रिठोली
कौशल गैंग: रोहित कारतूस
सुनील राठी गैंग: रॉबिन
जितेंद्र उर्फ गोगी गैंग: दीपक बॉक्सर
काला जठेड़ी गैंग: दीपक सुरखपुर
लॉरेंस बिश्नोई गैंग: सचिन विश्नोई और मनप्रीत तारनपुर
सूबे गुर्जर गैंग: रोहित चौधरी
अशोक प्रधान गैंग: बंटी देशलपुर