गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित बांके बिहारी शिव मंदिर में मूर्ति व सोने के नेत्र चोरी होने की घटना का कविनगर पुलिस ने खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, मंदिर के पुजारी को हटाने के लिए उनके शिष्य ने ही चोरी की साजिश रची थी। उसने सोचा था कि मूर्ति व सोने के नेत्र चोरी होने पर लोग पुजारी को मंदिर से निकाल देंगे और फिर वह मंदिर का पुजारी बन जाएगा। घटना के खुलासे पर मंदिर की कमेटी ने पुलिस को सम्मानित किया है।
सीओ कविनगर अवनीश कुमार ने बताया कि जयदत्त गौड़ उर्फ सौरभ शर्मा ने 19 जून को कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह कृष्णा गार्डन गोविंदपुरम स्थित श्री बांके बिहारी शिव मंदिर के पुजारी हैं। वह ही मंदिर की देखरेख करते हैं। चोरों ने रात में मंदिर से भगवान लड्डू गोपाल की मूर्ति तथा माता नैना देवी के सोने के नेत्र चोरी कर लिए। सुबह होने पर घटना का पता चला।
सीओ का कहना है कि कविनगर पुलिस ने केस दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी थी। घटना का खुलासा करते हुए थाना साहिहाबाद के बालाजी विहार अर्थला निवासी नवनीत मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। नवनीत मिश्रा मूलरूप से थाना पश्चिम सरीरा जिला कौशांबी के गंव कटरी का रहने वाला है। आरोपी से मूर्ति व सोने के नेत्र बरामद कर लिए गए हैं।
जिससे दीक्षा ग्रहण की, उसी पर कलंक लगाने का षड्यंत्र रचा
सीओ ने बताया कि नवनीत मिश्रा बांके बिहारी शिव मंदिर में ही करीब आठ वर्ष तक रहा। वहीं रहकर उसने पुजारी जयदत्त गौड़ उर्फ सौरभ शर्मा से पूजा-पाठ आदि की दीक्षा ग्रहण की। वह मंदिर संबंधी हर छोटी-मोटी बातों को जानता था। गलत आदतों के चलते पुजारी ने नवनीत मिश्रा को करीब दो महीने पहले मंदिर से निकाल दिया था। इससे खुन्नस खाकर उसने योजना बनाई कि अगर वह मंदिर से भगवान लड्डू गोपाल की मूर्ति व माता नैना देवी के सोने के नेत्र चोरी कर लेगा तो लोग पुजारी पर शक करेंगे और पुजारी को मंदिर से निकाल देंगे और उसे वहां रख लेंगे।