पहले चरण की 71 सीटों के आपसी बंटवारे को लेकर महागठबंधन में रविवार को महामंथन चला। राजद और कांग्रेस के बीच चार-पांच सीटों को छोड़कर अधिकांश सीटों पर आपसी सहमति बन गई है। फंसी हुई सीटों में टेकारी, बांका, तारापुर, मोकामा सहित एकाध अन्य सीट शामिल हैं। इसके लिए दोनों दलों के नेता सोमवार की सुबह फिर साथ बैठेंगे। बाकी सारी सीटों का खाका लगभग तैयार है। माले अपने प्रत्याशी तय कर चुका है। वहीं राजद ने भी प्रत्याशियों को सिंबल देने की शुरूआत कर दी है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची पर अंतिम मुहर दिल्ली से लगनी है।
राज्य की 71 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान होना है। इन सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। महागठबंधन में सीटों की संख्या के बंटवारे का एलान तो हो चुका है मगर कौन सी सीट किसके पास रहेगी, इस पर मंथन का सिलसिला रविवार को भी दिनभर राबड़ी आवास पर चलता रहा। पहले चरण राजद, कांग्रेस और माले तीनों के लिए अहम हैं। पहले चरण की सारी सीटें भी इन्हीं तीनों दलों के खाते में गई हैं। माले की इस चरण में कुल 19 में से नौ सीटें शामिल हैं।
जहां तक चार-पांच उन सीटों का सवाल है, जिन पर पेंच फंसा है, उनमें टेकारी सीट भी शामिल है। इस सीट को तेजप्रताप चाहते हैं। वहीं मोकामा, बांका और तारापुर सीट भी राजद और कांग्रेस अपने-अपने खाते में रखना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो बांका राजद को और तारापुर कांग्रेस के खाते में रहने की संभावना है। फिलहाल सीटों का फाइनल खाका लगभग तैयार है। उसमें दो-तीन सीटों का ही अब फेरबदल संभव है।
2015 में यह था इन सीटों पर जीत का गणित
पिछले विधानसभा चुनाव में इन 71 सीटों में सर्वाधिक 25 सीट राजद ने जीती थीं। जब महागठबंधन में शामिल दूसरे घटक दल जदयू को 21 और तीसरे घटक कांग्रेस को आठ सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा ने इनमें से 14 सीट जीती थीं। जबकि हम, वाम और निर्दलीय प्रत्याशी ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार गठबंधन की स्थिति भिन्न है। जदयू एनडीए में है तो वाम दल महागठबंधन का हिस्सा हैं।