गाजियाबाद में ओपोलैंड मॉल के बाहर नाले पर चल रही पार्किंग में शनिवार रात उस वक्त एक बड़ा हादसा होने से टल गया, जब यहां पार्किंग में खड़ी एक कार नाले में समा गई। इस हादसे में कार में बैठे दंपति और उनकी बच्ची की जान बाल-बाल बच गई।
जानकारी के अनुसार, एक दंपति अपनी बच्ची के साथ ओपोलैंड मॉल में आए थे। वह जैसे ही कार पार्किंग में खड़ी कर रहे थे तभी नाले पर बनी स्लैब टूट गई। इससे कार नाले में जा गिरी। उस समय पति-पत्नी और बच्ची तीनों ही कार में बैठे हुए थी। चीख-पुकार मचने पर आसपास के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद परिवार को कार से बाहर निकाला। उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई है।
नगर निगम ने शहर में कई जगहों पर पार्किंग के ठेके दिए हुए हैं। लोगों का आरोप है कि कुछ पार्किंग के ठेके छोड़ते वक्त नियमों का पालन नहीं किया गया। शहर में कई जगह पार्किंग में अवैध रूप से उगाई चल रही है। इसकी शिकायतें भी निगम तक पहुंच रही है। इसके बावजूद पार्किंग संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कुछ दिन पहले निगम की बोर्ड बैठक में भी पार्किंग के मामले को लेकर पार्षदों ने हंगामा किया था। भाजपा पार्षद सुनील यादव ने नेहरूनगर स्थित यशोदा अस्पताल के बाहर चल रही पार्किंग में ज्यादा वसूली के आरोप लगाए थे। वहां पर अभी भी ज्यादा वसूली हो रही है। पार्किंग के लिए जितनी जमीन का आवंटन किया गया है उससे ज्यादा जगह पर कब्जा कर वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। इसी तरह की एक पार्किंग ओपोलैंड मॉल के बाहर चल रही है। यह पार्किंग नाले के ऊपर चल रही है, जबकि एनजीटी का आदेश है कि नाले को कवर नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद निगम ने नाले के ऊपर ही पार्किंग का ठेका छोड़ दिया।
शनिवार की रात करीब 10 बजे एक परिवार मॉल में घूमने आया था। यह परिवार कार पार्किंग में खड़ी करने गए तो नाले की स्लैब टूट कर गिर गई और कार का अगला हिस्सा नाले में जा गिरा। कार के नाले में गिरते ही वहां चीख-पुकार मच गई। आसपास खड़े लोग गाड़ी को नाले से बाहर निकालने के लिए दौड़े। लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद परिवार को गाड़ी से निकाला। हादसे के शिकार परिवार की जानकारी नहीं लग सकी है।
प्रत्यक्षदर्शी विशाल पांडे ने बताया कि कार में एक व्यक्ति उसकी पत्नी और बच्ची बैठी थी। उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई। उन्होंने बताया कि फोन करके पार्किंग की शिकायत की गई है।
बता दें कि, यह पार्किंग नाले के ऊपर चलने की वजह से पूर्व में भी कई बार विवादों में आ चुकी है। इसके बावजूद इसका संचालन बंद नहीं किया जा रहा। वहीं, आरटीओ ऑफिस और तहसील परिसर में चल रही पार्किंग में भी ज्यादा वसूली की शिकायतें हैं। उनके संचालकों पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही।