झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी है। विभाग में डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टॉफ, नर्स समेत सभी तरह के कर्मी मिलाकर लगभग 85 हजार की जरूरत है। इस कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की बजाय हाथी उड़ाने का काम कर रही थी। कहा कि पूर्व की सरकार ने नेताओं व ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए वैसी जगह पर करोड़ों रुपए खर्च किए जहां दूर-दूर तक लोग नहीं रहते। मंत्री बन्ना गुप्ता मधुपुर हाजी हुसैन के अंतिम संस्कार में शामिल होने से पूर्व रविवार दिन में गिरिडीह सर्किट हाउस में रुके थे, जहां वे पत्रकारों से मुखातिब हुए।
उन्होने कहा कि जब डबल इंजन की सरकार थी राज्य में आरटीपीसीआर की मशीने नहीं थी। हमारी गठबंधन की सरकार जब राज्य में आयी तो सात जगहों पर आरटीपीसीआर का लैब स्थापित किया गया। सैकड़ों की संख्या में ट्रूनेंट मशीनें लगाई गई। गुप्ता ने कोरोना संकट में केंद्र सरकार के सहयोग को ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर बताया। कहा कि बावजूद इसके झारखंड का रिकवरी रेट 86.43 व मृत्यु दर 0.84 है। वहीं कोरोना संक्रमण से हुई मौतों पर दावा करते हुए कहा कि इनमें 96% से ज्यादा मौत मल्टी ओर्गेन फेल होने के कारण हुई है।
गिरिडीह के सदर अस्पताल में चार माह पूर्व आइसीयू सेंटर खुला है, जो डॉक्टर व टेक्निशियन के बगैर बंद है। इसपर उन्होंने कहा कि इसके लिए डीसी व सिविल सर्जन को अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देश दिए है। वहीं हाथरस की घटना पर कहा कि बच्ची के साथ दरिंदों ने शारीरिक बालात्कार किया। जिस प्रकार से सख्ती के साथ बच्ची का संस्कार किया गया, बच्ची के शव को घर नहीं ले जाया गया। इससे तो यही पता चलता है कि योगी व मोदी की सरकार ने बच्ची की आत्मा के साथ बालात्कार करने का काम किया। मौके पर गांडेय विधायक सरफराज अहमद, कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा, जमुआ विस प्रभारी सतीश केडिया, अजय कुमार सिन्हा समेत कई कांग्रेसी मौजूद थे।