अपराधियों को दबोचने के लिए पुलिस अक्सर कई तरह के हथकंडे अपनाती है। दरअसल अपराधी यह भूल जाता हैं कि वो चाहे कितने भी शातिर क्यों ना हो लेकिन कानून के लंबे हाथों की पकड़ से वो ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकते। खंडवा में पुलिस ने फरार चल रहे स्थाई वारंटियों को पकड़ने के लिए ऐसा जाल बुना कि यह अपराधी खुद-ब-खुद कानून के शिकंजे में आ गए।
जी हां, जिले में आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिया है कि सभी स्थाई वारंटी या फरार वारंटी अपराधियों को पकड़ा जाए। जिसके बाद अब यहां पुलिस ऐसे बदमाशों को धर-पकड़ में लगी है। लेकिन यह बदमाश शातिराना तरीक से पुलिस को चकमा देने की फिराक में भी रहते हैं।
ऐसी ही फरार चल रहे 2 आरोपियों को पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया है। इनमें से एक अपराधी भंगार बेचने का काम करता था और दूसरा मकान बनाने का ठेका लेता था। पुलिस ने इन अपराधियों को बेहद ही दिलचस्प तरीके से पकड़ है।
यहं पुलिस ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए साइबर सेल की टीम और पुलिस की एक टीम इंदौर पहुंची थी। टीम ने मिलकर कुल 4 स्थाई वारंटियों को पकड़ा है। इनमें रवि और अकील नाम के दो बदमाश भी शामिल हैं।
रवि इंदौर के तिलकनगर में मकान बनाने का काम करता है। उसके खिलाफ लापरवाही बरतने का मामला था, जिसमें एक की जान चली गई थी। आरोपी को पकड़ने के लिए सिपाही अमर प्रजापति व अमित यादव ने बैंक अधिकारी बनकर उसे फोन किया।
रवि को लोन देने का लालच दिया गया। रवि ने जब पुलिसवालों को बैंककर्मी समझ उन्हें मिलने के लिए बुलाया तो पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। वहीं अकील पर चोरी और आबकारी के मामले दर्ज हैं। अकील भंगार खरीदने का कामकाज करता है।
उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने कबाड़ी वाला बनकर कबाड़ खरीदने का सौदा करने की बात उससे की। जब आरोपी सौदे के लिए मिलने आया तो उसे भी पुलिस टीम ने धर दबोचा।