राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला एसडीएम राकेश कुमार द्धितीय को निलंबित कर दिया है। सरकार ने विभागीय जांच कार्यवाही प्रस्तावित होने के चलते निलंबित किया है। कार्मिक विभाग ने निलंबन के आदेश जारी कर दिए है। हाल ही में खंडेला कोर्ट में एक वकील ने आत्मदाह कर लिया। मृतक वकील ने एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वकील ने खुद पर पेट्रोल छिड़क लिया और आग लगा ली। वकील एसडीएम को गले लगाना चाहता था लेकिन एसडीएम दूर हट गए। वकील ने सीधे तौर पर एसडीएम पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। खंडेला में एसडीएम व एसएचओ से परेशान होकर सुसाइड करने वाले वकील हंसराज मावलिया के मामले झुंझुनू कोर्ट में वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था। वकीलों ने खण्डेला के एसडीएम और थानाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है।
वकीलों ने की थी एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग
वकील की मौत के बाद प्रदेश भर में वकीलों ने आंदोलन किया था। एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की थी। हालांकि, बाद में सरकार और वकीलों से साथ समझौता हो गया था। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष शीशराम सैनी ने कहा कि खंडेला एसडीएम व एसएचओ की गलत नीतियों के कारण एक वकील ने अपनी जान दे दी। दोनों अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर वकील हंसराज से सुसाइड नोट में मौत के लिए एसडीएम व एसएचओ जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा एसडीएम व थानेदार ने वकील को इतना परेशान कर दिया कि वकील ने सुसाइड कर लिया।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया था संज्ञान
राज्य मानवाधिकार आयोग ने सीकर के खंडेला कस्बे में वकील के आत्मदाह करने के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, डीजीपी, सीकर कलेक्टर और एसपी से 15 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने यह आदेश प्रकरण में प्रकाशित समाचारों पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए दिए।आयोग ने अपने आदेश में कहा कि तथ्यों से जाहिर होता है कि उपखंड अधिकारी, खंडेला विधि विरुद्ध काम करते थे और उन्होंने अधिवक्ता हंसराज को वकालत बर्बाद करने की धमकी दी थी। इसके अलावा एसडीएम की शह पर खंडेला थानाधिकारी ने भी हंसराज को धमकी दी थी। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि एसडीएम और थानाधिकारी के प्रताड़ित करने और धमकाने के चलते अधिवक्ता ने खुद को जिंदा जला दिया था।