अक्सर खाना खाने के बाद हिचकी आने लगती है। खाना ज्यादा खाने या खाने के बाद ज्यादा पानी पीने या फिर बहुत जल्दी खाने या पीने के बाद भी आपको हिचकी आ सकती है। कभी-कभार हिचकी का आना सामान्य है। पर जब यह लगातार और बार-बार आने लगती है, तो कोई भी परेशान हो सकता है। अगर आप भी इस स्थिति से गुजर रहीं हैं, तो जानिए हिचकी रोकने के 6 घरेलू उपाय।
क्या है हिचकी आने का कारण
शरीर में मौजूद डायफ्राम की सीध में होता है पेट, जो जल्दी खाने या पीने से प्रभावित हो जाता है। पेट के कारण ही डायाफ्राम भी डिस्टर्ब हो जाता है, जिससे यह सिकुड़ जाता है। हम जब सांस लेते हैं, तो डायफ्राम सिकुड़ जाता है। ठीक वैसा ही होता है, जिससे हमें हिचकी की समस्या होने लगती है।
अति उत्साह, नर्वसनेस या कार्बोनेटेड ड्रिंक पीने के कारण भी हिचकी आती है। सौंफ या कुछ दूसरी चीज चबाते समय भी जब हवा अंदर चली जाती है, तो हिचकी आ सकती है। कभी-कभी तापमान बढ़ने पर भी हिचकी आती है।
तनाव में होने पर भी आती है हिचकी
कभी-कभी तो आप चुपचाप बैठी रहती हैं या रोने लगती हैं, तो उस समय हिचकी आने लगती है। आप पाती हैं कि डायफ्राम में अचानक ऐंठन सी होने लगी है और हिचकी आने लगी है। यहां कई घरेलू उपचार हैं, जो हिचकी को रोकने में कारगर हैं।
यहां हैं हिचकी रोकने के 6 घरेलू उपाय
1 मुंह के ऊपर रखें हाथ
अपने हाथों को अपनी नाक और मुंह पर रखने की कोशिश करें, लेकिन सामान्य रूप से सांस लेते रहें। मुंह से ज्यादा सांस लेने की कोशिश करें, ताकि कार्बन डाइऑक्साइड की अतिरिक्त खुराक आपको हिचकी से छुटकारा पाने में मदद करे।
2 अपनी गर्दन की मालिश करें
यदि मुंह और नाक पर हाथ रखने से भी हिचकी नहीं रूक रही है, तो गर्दन पर मसाज करने की कोशिश करें। गर्दन पर कैरोटिड धमनियां (carotid arteries) होती हैं। इसलिए गर्दन के बायीं और दायीं तरफ मसाज या रब करने का प्रयास करें।
3 कुछ देर सांस को रोक लें
अगली बार जब आपको हिचकी आए, तो एक गहरी सांस लें। सांस लेने के बाद उसे कुछ देर तक रोक लें। जब फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होने लगता है, तो आपका डायाफ्राम रिलैक्स हो जाता है। डायाफ्राम के रिलैक्स होते ही हिचकी बंद हो जाती है।
4 अपनी जीभ को बाहर निकालने का अभ्यास
यदि सभी के सामने ऐसा करने में हिचक होती हो, तो कमरे के अंदर चली जाएं। जहां आपको कोई नहीं देख रहा हो, तब आप अपनी जीभ बाहर निकालें। यह अभ्यास गायकों और अभिनेताओं द्वारा किया जाता है, क्योंकि यह वोकल कोड्स (glottis) को उत्तेजित करता है। इस प्रक्रिया के बाद आप अधिक आसानी से सांस ले पाएंगी। इससे हिचकी के कारण बनने वाली ऐंठन भी शांत हो जाती है।
5 अपने कान को उंगलियों से बंद करें
हिचकी नहीं रूक रही है, तो अपनी उंगलियों से दोनों कान को 20 से 30 सेकंड के लिए बंद कर दें। इसके बाद स्कल के ठीक नीचे के सॉफ्ट एरिया, जो इयरलोब्स के पीछे होता है, उसे उंगलियों से दबाएं। यह वेगस नव्र्स के जरिए रिलैक्स होने का संकेत डायफ्राम को भेजता है।
6 थोड़ा पानी पिएं
Subah ek glass paani peeye
लगातार 8-10 घूंट पानी पीने से हिचकी खत्म हो जाती है।
यदि हिचकी नहीं रुक रही है, तो एक गिलास पानी पी लें, यानी लगातार 9-10 घूंट पानी पी लें। पानी पीने से एसोफैगस रिद्म के साथ सिकुड़ता है, जिससे डायाफ्राम भी रिलैक्स होता है और आपकी हिचकी बंद हो जाती है। यदि गिलास के ऊपर पेपर टॉवेल रखकर पानी पीने की कोशिश करें, तो आपके डायफ्राम को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और हिचकी रुक जाती है।