विधान परिषद की रिक्त 13 सीटों के लिए चुनाव होना है। विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर इसमें 9 सीटें भाजपा और चार सीटें सपा के पास जाना तय है। एक विधायक को जीतने के लिए 29 मतों की जरूरत होगी। विधानसभा में भाजपा के 255 विधायक हैं और सपा के 111 विधायक हैं।
छह जुलाई को परिषद के जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व पंचायती राज्य मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी भी शामिल हैं। बसपा के तीन अतर सिंह, दिनेश चन्द्रा, सुरेश कुमार कश्यप और कांग्रेस के एकमात्र एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव जीतने के बाद पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
यह है गणित
विधान सभा में भाजपा सहयोगी दलों के 273 विधायक हैं। सपा व सहयोगी दल सुभासपा व रालोद के मिलाकर 125 सदस्य हैं। मतगणना के फार्मूले के मुताबिक, कुल 403 विधायकों को कुल खाली सीटों यानी 13 के अंक में एक जोड़कर यानी 14 से विभाजित किया जाए और उसमें एक जोड़ा जाए तो एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 29 विधायकों की जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा 9 और सपा 4 सदस्यों की जीत तय है।