बेरोजगार युवाओं को पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले जालसाज को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। जालसाज नौकरी के नाम पर 20 युवाओं से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।
पुलिस से बचने के लिए आरोपी एक साल तक किसान आंदोलन में छिपा रहा और लगभग चार सालों से घर पर नहीं गया। एक साल तक आरोपी की तलाश की गई और आरोपी सुधीर चौहान निवासी रेवाड़ी को पहाड़गंज दिल्ली से गिरफ्तार किया।
कोर्ट में पेश कर आरोपी को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया, रिमांड के दौरान आरोपी से 40 हजार नकद बरामद किए गए। आरोपी को सोमवार कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। इस धोखाधड़ी के मामले में उसके दो साथियों का भी पता चला,उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
डेटा लेकर की धोखाधड़ी
पूछताछ में पता चला कि पुलिस की नौकरी में आवेदन करने वाले बेरोजगार युवाओं को डेटा लिया। रुपये देने से पहले आरोपी ने युवाओं को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की फर्जी मेल बनाकर नियुक्ति पत्र भेजा गया और उसके बाद करोड़ों रुपये ठग लिए। आरोपी ने सबसे पहले साल 2019 में पीड़ित आशीष कुमार को फोन कर कहा कि उसकी पुलिस में नौकरी लग गई और उसको रुपये देने होंगे। इस पर उसने बोला कि उसके पास कोई जानकारी नहीं आई है। ऐसे में फर्जी मेल से नियुक्ति पत्र भेजा गया और 7.30 लाख रुपये धोखाधड़ी कर डाली।
एक साल तक किसान आंदोलन में छिपा रहा
आरोपी ने खुलासा किया कि वह बीते चार सालों से घर तक नहीं गया। उसको डर था कि अगर वह घर जाएगा, तो कहीं पुलिस उसे न पकड़ ले। घरवालों ने उसे बेदखल किया हुआ है। आरोपी ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने भी अर्जी अस्वीकार कर दी। उसके बाद किसान आंदोलन में एक साल तक रहा।
साथियों के साथ मिलकर बनाई थी योजना
आरोपी इंजीनियरिंग का छात्र रहा और समाज में बेहतर छवि बनाने के लिए बड़े राजनीति से जुड़े नेताओं के साथ फोटो खिचंवाई। ताकि लोगों को उस पर भरोसा हो कि वह उसका काफी रसुख है। यह सब करने के बाद आरोपी ने दोस्तों के साथ मिलकर मिलता-जुलता डोमेन से सरकारी ई-मेल आईडी बनाई और धोखाधड़ी की।