दिल्ली से नजदीकी और आर्थिक संपन्नता के चलते गाजियाबाद जिला अपराधियों के निशाने पर है। 190 से अधिक गैंग के 835 से अधिक बदमाशों ने गाजियाबाद जिले को जरायम का अड्ड़ा बनाया हुआ है।
गौर करने वाली बात यह है कि जिले में सक्रिय बदमाशों से अधिक जमात हिस्ट्रीशीटरों की है। यहां हर मोहल्ले में बदमाश हैं और कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटरों का अड्डा है।
866 हिस्ट्रीशीटरों वाले जिले में बीते ढाई साल के भीतर हिस्ट्रीशीटरों की संख्या 12 सौ के पार पहुंच चुकी है। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 तक जिले में गैंग की संख्या 186 थी, जबकि इन गैंग के सक्रिय बदमाशों की संख्या करीब 800 थी। इसके बाद वर्ष 2020 से अब तक गिरोहों की संख्या 186 से बढ़कर 190 हो चुकी है और सक्रिय बदमाशों की 800 से 835 हुई। कुल मिलाकर ढाई वर्षों में चार नए गैंग और 35 नए बदमाश पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए। वहीं, हिस्ट्रीशीटरों पर गौर करें तो इनकी संख्या वर्ष 2020 में 866 थी, जो अब बढ़कर 1218 पहुंच चुकी है।
90 से ज्यादा लापता
एसएसपी मुनीराज जी ने कहा कि पुलिस ने ऑपरेशन दस्तक चलाया था। जिसके तहत बीट स्तर पर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की मौजूदी स्थिति जांची गई। विभिन्न गैंग के 53 बदमाश लापता मिले, जबकि 90 से अधिक हिस्ट्रीशीटरों का भी कुछ अता-पता नहीं मिला। हिस्ट्रीशीट खुलने पर अपराधी की निरंतर निगरानी की जाती है। पांच महीनों में 17 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।’
मुरादनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीटर
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 136 हिस्ट्रीशीटर मुरादनगर थानाक्षेत्र में हैं। 108 हिस्ट्रीशीटरों के साथ लोनी थाना दूसरे और 105 हिस्ट्रीशीटरों के साथ मसूरी थाना जिले में तीसरे नंबर पर है। 98 हिस्ट्रीशीटरों के साथ विजयनगर चौथे, 96 हिस्ट्रीशीटरों के साथ सिहानी गेट पांचवे और 85 हिस्ट्रीशीटरों के साथ साहिबाबाद थाना छठे नंबर पर है। सबसे कम पांच हिस्ट्रीशीटर कौशांबी थाने में हैं।
ए-श्रेणी के 1199 और बी-श्रेणी के 19 हिस्ट्रीशीटर
हिस्ट्रीशीट को दो श्रेणी ए व बी श्रेणी में बांटा गया है। ए श्रेणी में उन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जाती है, जो छोटे अपराध करने के अभ्यस्त हैं और उनमें सुधार की गुंजाइश दिखाई दे। बी-श्रेणी की हिस्ट्रीशीट जघन्य अपराधियों की खोली जाती है। दोनों ही श्रेणी की हिस्ट्रीशीट को न तो पुलिस के स्तर से और न ही सरकार के स्तर से खत्म किया जा सकता है। हिस्ट्रीशीटर की मृत्यु होने की स्थिति में ही हिस्ट्रीशीट का खाका बंद किया जाता है। अपराधी के आचरण को ध्यान में रखते हुए पुलिस ए- श्रेणी के हिस्ट्रीशीटर की निगरानी बंद कर सकती है। गाजियाबाद की बात करें तो यहां 1199 हिस्ट्रीशीटर ए-श्रेणी तथा 19 हिस्ट्रीशीटर बी-श्रेणी के हैं।