नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार को अवैध निर्माण के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया। यमुना के डूब क्षेत्र में सेक्टर-150 व 151ए में बने करीब 62 फार्म हाउस को ध्वस्त कर दिया। जिस जमीन को मुक्त कराया गया है उसकी कीमत करीब 55 करोड़ रुपये है। इन फार्म हाउस में स्वीमिंग पूल और कॉटेज से लेकर अन्य कई सुविधाएं थीं।
फार्म हाउस को पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। लोग इकट्ठे होकर विरोध कर पाते इससे पहले ही प्राधिकरण ने पूरी कार्रवाई कर दी। प्राधिकरण की इस कार्रवाई से डूब क्षेत्र में फार्म हाउस बनाने की तैयारी कर रहे भूमाफिया सकते में आ गए हैं। नोएडा प्राधिकरण का डूब क्षेत्र में यह अभियान सुबह करीब 9 बजे सेक्टर-150 और तिलवाड़ा गांव की जमीन पर बने फार्म हाउस के खिलाफ शुरू हुआ।
यहां पर करीब नौ कोतवाली की पुलिस फोर्स और बुलडोजर और प्राधिकरण के अधिकारी-कर्मचारी सुबह आठ बजे से ही गांव के किनारे पहुंच गए थे। फिर जिस रोड से डूब क्षेत्र को जाने वाला रास्ता है, उसी पर इन टीमों ने अपने वाहन लगाए दिए। इसके बाद तोड़फोड़ शुरू हो गई।
तिलवाड़ा गांव की जमीन पर प्राधिकरण ने एक-एक कर दोपहर 1 बजे तक 55 फार्म हाउस तोड़ दिए। इनको तोड़कर करीब 1 लाख 20 हजार वर्ग मीटर जमीन मुक्त करवाई गई। इसके बाद प्राधिकरण की टीमें सेक्टर-151ए स्थित गुलावली गांव के डूब क्षेत्र में पहुंची। यहां पर 7 फार्म हाउस और उनकी कंक्रीट की बनी बाउंड्री तोड़ी गई। इस कार्रवाई से करीब 25 हजार वर्ग मीटर जमीन अतिक्रमण मुक्त हुई।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि अभियान आगे भी जारी रहेगा। कार्रवाई में प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग को भी शामिल किया था। इसके साथ ही प्राधिकरण से भूलेख विभाग, वर्क सर्कल-10 की टीम शामिल हुई। अधिकारियों समेत 150 प्राधिकरण कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। खाली करवाई गई जमीन की कीमत करीब 55 करोड़ रुपये अनुमानित है। प्राधिकरण की कार्रवाई के दौरान फार्म हाउस खरीदने वाले या किराए पर लेकर रहने वाले भी कुछ नहीं समझ पाए। आखिर में सामान निकालने के लिए कुछ मिनट का मौका मांगते हुए लोग दिखे। दिन में करीब 2 बजे कार्रवाई कर प्राधिकरण की टीमें वापस भी आ गई।
बड़े स्तर पर अवैध निर्माण
नोएडा प्राधिकरण ने भी माना है कि नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत यमुना व हिंडन नदियों के डूब क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण चल रहा है। यह निर्माण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है जिस पर तत्काल कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया। सीईओ ने ऐसे निर्माण को ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं।