प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन (Satyender Jain) को 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने सोमवार को करीब छह घंटे तक चली पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया था।
जानकारी के अनुसार, ईडी का कहना है कि जैन उनके खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे। जैन को इस मामले में कथित तौर पर शामिल बताया जा रहा है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य, गृह और बिजली सहित विभिन्न विभागों को संभालने वाले जैन को मंगलवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन पैरवी कर रहे हैं, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए।
हालांकि, अब कुछ देर पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन की गिरफ्तारी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि जैन के खिलाफ ईडी का मामला पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार और आम आदमी पार्टी बेहद ईमानदार है भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करती है।
केजरीवाल ने जनवरी में जताया था गिरफ्तारी का शक
केजरीवाल ने कहा कि मैंने जैन के मामले पर गौर किया है। यह पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर भूरा भरोसा है। जैन सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं और पाक साफ साबित होंगे। बता दें कि, पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी में ही केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि ईडी द्वारा सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया जा सकता है।
ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 2017 के एक मामले पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ‘आप’ नेता और उनकी पत्नी पूनम जैन ने फरवरी 2015 और मई 2017 के बीच ₹1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। यह उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के दोगुने से भी अधिक थी।