सॉफ्टवेयर को हैक कर पांच मिनट में लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को दक्षिण पश्चिमी जिले की एएटीएस टीम ने गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों का कुख्यात रवि गैंग से संबंध है। आरोपियों से मनीष राव, जगदीप शर्मा और आस मोहम्मद के पास से सात लग्जरी गाड़ियों के अलावा दो तमंचे, 30 चाबियां, हैकिंग डिवाइस और टूल किट बरामद हुई है।
रवि गैंग दिल्ली व एनसीआर, मेरठ और राजस्थान समेत अन्य राज्यों में चोरी की कार बेचते थे। आरोपी कार चोरी के बाद जैमर की सहायता से जीपीएस बंद कर फरार हो जाते थे।
पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि जांच एएटीएस के इंचार्ज आनंद कुमार की टीम को सौंपी गई थी। टीम ने दिल्ली में लग्जरी गाड़ियों की डीलिंग करने आए आरोपियों मनीष और मोनू को गिरफ्तार कर लिया। इसकेबाद कई जगह से वाहन बरामद कर लिए।
आरोपियों ने 40 से ज्यादा कार चुराईं
आरोपियों ने बताया कि वह रिसीवर की डिमांड पर कार पहुंचा देते थे। उन्होंने गिरोह के सरगना रवि के साथ मिलकर 40 से भी अधिक कारें चुराईं हैं। दिल्ली से गाड़ी चोरी कर राजस्थान और मेरठ में अपने रिसीवर के पास बेच देते थे।
टूल किट के साथ हैकिंग डिवाइस और तीस चाबियां जब्त
ऐसे चुराते थे कार
आरोपियों ने बताया कि वह सॉफ्टवेयर पर आधारित हैकिंग टूल से गाड़ी को अनलॉक करके सॉफ्टवेयर को फार्मेट कर देते थे और नया सॉफ्टवेयर इंस्टाल कर पांच मिनट में कार लेकर फरार हो जाते थे। इसके बाद बिना सीसीटीवी वाली पार्किंग या सड़क के किनारे खड़ी कर देते थे।
मांग पर खरीदते थे
आरोपी मांग के हिसाब से चोरी की कारें खरीदते थे। चोरी के बाद उन कारों को कुछ दिनों तक दिल्ली में सड़कों के किनारे खड़ी कर दी जाती थी। मौका देखकर मेरठ पहुंचा देते थे।
पुणे पहुंचाते थे गाड़ियां
पूछताछ के दौरान आरोपी अलताफ ने पुलिस को बताया कि अज्जू चोरी की कारें खरीदने के बाद उसका इंजन व चेचिस नंबर बदल देता था। कंटेनर से पुणे पहुंचा देता था।