बिहार के बड़हिया स्टेशन पर रेल ठहराव को लेकर जारी आंदोलन सोमवार की शाम करीब पौने छह बजे खत्म हो गया। रेलवे ने आंदोलनकारियों की तमाम मांगों को मानते हुए एक निर्धारित अवधि में पूरा करने का भरोसा दिलाया गया है। संघर्ष समिति की ओर से आंदोलन समाप्त किए जाने की घोषण करने के बाद ट्रैक पर डटे आंदोलनकारी भी हटने लगे। करीब 34 घंटे चले इस आंदोलन में व्यापक पैमाने पर ट्रेनों को रद्द और मार्ग परिवर्तन कर कर चलाया गया।
सोमवार को रेल व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ संघर्ष समिति की तीन बार वार्ता हुई। वार्ता के बीच समझौता हुआ कि संघर्ष समिति की मांगों के अनुरूप पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस का ठहराव अगले 15 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 60 दिन यानी दो माह के अंदर अन्य सभी ट्रेनों का ठहराव करा दिया जाएगा। रेलवे ने लिखित रूप से इससे संबंधित पत्र जिला संघर्ष समिति को सौंप दिया। पत्र पर एडीआरएम विवि गुप्ता के साथ ही लखीसराय के जिलाधिकारी संजय कुमार ने भी संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किया।
जारी पत्र को रेल संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने पढ़कर आंदोलनकारियों को सुनाया और आंदोलन के समाप्ति की घोषणा की। इसके बाद आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक को छोड़ अपने-अपने घर को निकल गए। दर्जनभर ट्रेनों के ठहराव की मांगों को लेकर रविवार से ही आंदोलनकारी ट्रैक पर डटे थे। रेल व जिला प्रशासन की काफी मशक्कत के बाद भी आंदोलनकारी समझने को तैयार नहीं थे। इस वजह से रेलवे ने सोमवार दोपहर तक 91 ट्रेनों को रद्द और 131 मार्ग का परिवर्तन कर चलाया।