केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक दिन पूर्व राबड़ी आवास सहित 16 स्थानों पर एक साथ की गई छापेमारी के बाद जमीन देकर नौकरी पाने वालों की जमीन तो गई ही अब रेलवे की नौकरी भी जाएगी। सीबीआई द्वारा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के क्रम में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, इनमें कुछ दस्तावेज एवं हार्ड डिस्क भी शामिल हैं।
छापेमारी के क्रम में जुटाए गए साक्ष्यों एवं तथ्यों की जांच होने के बाद नौकरी पाने वाले लोगों पर गाज गिर सकती है। इन सभी नौकरी पाने वालों को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक जमीन देने के एवज में नौकरी पाने वाले 12 लोग सरकारी नौकरी से हटाए जा सकते हैं।
इनमें राजकुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेंद्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार, लाल चंद कुमार (सभी महुआबाद, धनौत, पटना निवासी), ह्दयानंद चौधरी (इटवा, मीरगंज, गोपालगंज निवासी) व अभिषेक कुमार (बिंडौल, बिहटा, पटना निवासी) शामिल हैं। सीबीआई की दो दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम ने एक साथ महुआबाद, पटना और गोपालगंज में छापेमारी की थी और नौकरी पाने वालों एवं उनके परिजनों से घंटों पूछताछ की थी।
अभियुक्तों पर शिकंजा कसेगी सीबीआई
जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन तो गई ही अब नौकरी भी जाएगी। सीबीआई सूत्रों के अनुसार अभियुक्तों के खिलाफ शिकंजा कसेगा। नौकरी के बदले में सात अभियुक्तों ने लालू परिवार को एक लाख वर्गफुट से अधिक जमीन दी है। ये जमीनें पूर्व सीएम राबड़ी देवी एवं उनकी पुत्रियों मीसा भारती व हेमा यादव के नाम भी दी गयी हैं। गोपालगंज के उचकागांव थाना के इटवा गांव स्थित रेलवे में नौकरी पाए ह्दयानंद के घर पर बक्से में रखे गए दस्तावेजों की छानबीन की गई और उनके परिजनों से भी पूछताछ कर रेलवे में गलत तरीके से नौकरी दिलाने को लेकर जानकारी ली गई है। सीबीआई सभी तथ्यों की कड़ी दर कड़ी जोड़ने में जुट गई है।
सुशील मोदी ने लालू परिवार से पूछे पांच सवाल
पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार और राजद से पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि अगर लालू प्रसाद ने रेलवे में नौकरी देने के बदले लाभार्थी से जमीन नहीं लिखवायी थी, तो शिवानंद तिवारी ने वर्ष 2008 में लालू के खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग क्यों की थी? अब जब सबूत के आधार पर कार्रवाई हो रही है, तब वे इसे राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
मोदी ने पूछा- क्या यह सही नहीं कि दो नेताओं ने अपना कीमती मकान ऊंचा ओहदा पाने के बदले लालू परिवार को गिफ्ट किया था? लालू प्रसाद बतायें कि उनका परिवार कई फ्लैट और मकानों का मालिक कैसे बन गया? सुशील मोदी ने पूछा कि लालू प्रसाद ने पटना हवाई अड्डा के पास स्थित एक गेस्ट हाउस का स्वामित्व कैसे हासिल कर लिया? सुशील मोदी ने पूछा है कि लालू के खटाल में काम करने वाले ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी के पास करोड़ों की जमीन कहां से आयी और फिर इन लोगों ने इसे लालू परिवार को क्यों दान कर दी? इन दोनों के नाम सीबीआई की प्राथमिकी में दर्ज हैं।