रूसी हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेयेव ने 20 मई को को हेलीरूस-2022 हेलीकॉप्टर शो में बताया है कि रूस कामोव Ka-31 डेक-आधारित रडार पिकेट हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी पर भारत के साथ काम करना जारी रखा हुआ है।
दुनिया का एकमात्र डेक-आधारित रडार निगरानी हेलीकॉप्टर है Ka-31
रूसी सरकारी समाचार एजेंसी टास की रिपोर्ट मुताबिक मिखेयेव ने कहा है कि कामोव Ka-31 को लेकर भारत के साथ काम जारी है। Ka-31 का कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है और यह दुनिया का एकमात्र डेक-आधारित रडार निगरानी हेलीकॉप्टर है। यह हवा और समुद्र की स्थिति को नियंत्रित करने और आर्थिक क्षेत्रों और जल क्षेत्रों की निगरानी के कार्यों का पूरी तरह से मुकाबला करता है।
डील ब्रेक वाली रिपोर्ट निकली झूठी!
इससे पहले 17 मई को एक रक्षा मैगजीन ने भारतीय रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया था कि भारत ने 10 Ka-31 हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पर रूस के साथ बातचीत स्थगित कर दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि यूक्रेन युद्ध और डिलीवरी पर अनिश्चितता के कारण भी यह फैसला लिया गया था।
2019 में Ka-31 को लेकर हुआ था समझौता
बता दें कि भारत और रूस ने मई 2019 में Ka-31 हेलीकॉप्टर को लेकर एक समझौता किया था। इसके तहत भारत रूस से 10 Ka-31 हेलीकॉप्टर खरीदने वाला था। टास की रिपोर्ट बताती है कि कोरोनो वायरस महामारी के कारण बातचीत बाधित हुई थी जो कि फरवरी 2022 में फिर से शुरू हुई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हेलीकॉप्टरों के एक बैच की कीमत 520 मिलियन डॉलर होगी। बता दें कि भारतीय नौसेना मौजूदा वक्त में 2003-2015 में रूस से खरीदे गए 14 Ka-31 हेलीकॉप्टरों का संचालन करती है।