सीबीआई छापेमारी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ट्वीट कर कहा है कि सत्य और तथ्य का मार्ग वह अग्निपथ है, जिस पर चलना कठिन है, पर असंभव नहीं। देर से ही सही, लेकिन विजय सदैव सत्य की ही होती है। पार्टी कार्यकर्ताओं को इस तरह की छापेमारी से नहीं डरने की अपील की और कहा कि हम लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं। आगे भी लड़ते रहेंगे और जीतते रहेंगे।
छापेमारी पर केंद्र सरकार पर भी करारा प्रहार किया। कविता के अंदाज में तेजस्वी ने कहा कि ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है-नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से। तेजस्वी के इस ट्वीट को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रि-ट्वीट किया है।
वहीं, राजद राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि भाजपा बिहार के लोगों को नहीं जानती है। लोगों ने ठान लिया तो लोकतंत्र पर इस हमले का ऐसा बदला लेगी कि भाजपा का नाम लेने वाला कोई नहीं रह जाएगा। वह जितना भी डरा लें, न तो बिहार की जनता डरने वाली और न ही लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव।
राजद सांसद शुक्रवार को राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई छापा के बाद प्रतिक्रिया दे रहे थे। कहा कि जानकारी मिली तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ। दुख हुआ कि भाजपा लोकतंत्र को कहां ले जा रही है। जब-जब जनउभार हुआ है भाजपा ऐसा ही करती है। लेकिन बिहार लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र पर हो रहे ऐसे हमलों को अब सह नहीं सकता है। हाल में जब जातीय जनगणना और बेरोजगारी के सवालों पर गोलबंदी होने लगी और कई दूसरे दल भी साथ होने लगे तो भाजपा डर गई और दूसरों को डराने के लिए एक मरी हुई चिड़िया को फिर से घर पर बैठा दिया।
क्या है पूरा मामला
आरोप के मुताबिक लालू प्रसाद वर्ष 2004-2009 तक जब रेल मंत्री थे तो बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ वर्गीय पद पर नौकरी दी गई। नौकरी देने के एवज में उनके या उनके परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई। ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई। जमीन का कुल रकवा 1,05,292 वर्गफुट है। वर्तमान में सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है। आरोप है कि जमीन के बदले रेलवे के अलग-अलग जोन में इनकी नियुक्ति की गई। अधिकतर जमीनों की खरीद भी कैश में दिखाई गई है।
इन्हें किया गया नामजद
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के अलावा उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव को नामजद किया गया है। इन चार के अलावा नौकरी पाने वाले राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेन्द्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेम चंद कुमार, लाल चंद कुमार (सभी महुआ बाग, धनौत, पटना), ह्दयानंद चौधरी (इटवा, मीरगंज, गोपालगंज) और अभिषेक कुमार (बिंडौल, बिहटा) के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यानी कुल 16 के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।