बिहार में कोरोना संक्रमितों की पहचान को लेकर 15 हजार से अधिक आरटीपीसीआर जांच शुरू हो चुकी है। राज्य में आरटीपीसीआर जांच बार-बार बढ़ाने की मांग के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ा दिया है। राज्य में एक माह पहले तक करीब छह हजार जांच ही आरटीपीसीआर के माध्यम से हो रही थी। इस प्रकार, राज्य में आरटीपीसीआर जांच की संख्या में दोगुना से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार आरटीपीसीआर जांच की संख्या को और अधिक बढ़ाने की दिशा में काम जारी है।
सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। एंटीजन टेस्ट में अगर कोई व्यक्ति निगेटिव आता है तो, उसके लिए आरटीपीसीआर जांच से संक्रमित होने या नही होने की अंतिम जानकारी मिल जाती है, जबकि एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव होने पर मरीजों को तत्काल ही पॉजिटिव मान लिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मेडिकल जांच के बाद संक्रमितों के इलाज को लेकर सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड की व्यवस्था की गई है।
जिला स्तर पर भी जांच की तैयारी
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में जिला स्तर पर आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जा रही है। जिला अस्पतालों में आरटीपीसीआर मशीन को लगाने और इसे इंस्टॉल करने के लिए स्थान चुनने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला मुख्यालय में आरटीपीसीआर मशीन पहुंचायी जा रही है। वही, राज्य में एंटीजन किट से कोरोना संक्रमित मरीजों की निःशुल्क जांच की सुविधा दी गयी है। तो, दूसरी ओर, आरटीपीसीआर से भी निःशुल्क कोरोना की जांच की जा रही है। एंटीजन टेस्ट की सुविधा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में उपलब्ध करायी गई है।