भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) ने हैदराबाद की एक फार्मास्यूटिकल कंपनी के साथ मिलकर घातक कोरोना संक्रमण के इलाज का एक नया नुस्खा ढूंढ निकाला है। आईसीएमआर ने दावा किया है कि इसने कोरोना के उपचार के लिए जानवरों के रक्त सीरम का इस्तेमाल करते हुए हाइली प्योरिफाइड ‘एंटीसेरा’ विकसित की है, जो कोरोना की घातकता को कम करने में काफी कारगर है। एंटीसेरा जानवरों से प्राप्त ब्लड सीरम है, जिसमें खास एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडीज होते हैं। खास बीमारियों के उपचार में इनका इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में प्लाज्मा थेरेपी के बाद कोरोना के उपचार के लिए सामने आई यह एक नई थेरेपी है। दावा किया जा रहा है कि यह न सिर्फ कोरोना के मरीजों में बीमारी की भयावहता की रोकथाम में कारगर है, बल्कि यह उसका इलाज कर पाने में भी सक्षम है। आईसीएमआर ने बताया कि इस तरह के उपायों का इस्तेमाल इससे पहले भी कई वायरल बैक्टीरियल संक्रमणों को नियंत्रित करने में किया जा चुका है।
संक्रमण घटा लेकिन खतरा बढ़ा
कोरोना वायरस का संक्रमण देश में भले घट रहा हो लेकिन खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक करीब एक लाख लोग वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, इनमें से 34 फीसदी मौतें सिर्फ सितंबर महीने में हुई हैं। रोजाना करीब 1,100 लोग दम तोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के वैज्ञानिकों की एक रिसर्च में पता चला है कि बच्चों से सबसे ज्यादा संक्रमण फैल रहा है। यह सबसे ज्यादा चिंता करने की बात है।
सितंबर में दिखा विकराल रूप :
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में कोरोना का विकराल रूप देखने को मिला। वायरस की वजह से अब तक 98,678 लोगों ने जान गंवाई। इनमें से 33,255 लोगों की मौत सिर्फ सितंबर महीने में हुई। करीब 50 फीसदी से ज्यादा लोगों ने सिर्फ तीन राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में दम तोड़ दिया। संक्रमण भी सितंबर में काफी तेजी से बढ़ा। अगस्त में 19.87 लाख लोग वायरस की चपेट में आए थे, जबकि सितंबर में 26.24 लाख लोग संक्रमित हो गए। हालांकि, बीते एक हफ्ते से इसमें गिरावट देखने को मिली है।
पहले जहां रोजाना 95 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जाते थे, वह अब घटकर औसतन 85 हजार से नीचे आ गए हैं। आज भी 86,821 नए मामले सामने आए व 1181 लोगों की मौत हो गई। अब तक 63,12,585 लोग संक्रमण के दायरे में आ चुके हैं। हालांकि, राहत की बात है कि 52.73 लाख लोग वायरस को मात दे चुके हैं। देश में रिकवरी की दर 83.53 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु दर 1.56 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मामलों में मृत्यु अन्य बीमारियों के कारण हुई।