पश्चिमी दिल्ली के मुंडका मेट्रो के पिलर नंबर 545 के पास स्थित इमारत में शुक्रवार को भीषण आग लगने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई और लोगों के भी मारे जाने की आशंका है। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 27 शव बरामद किए हैं, जबकि तलाशी और बचाव अभियान जारी है। विभाग ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इमारत के अंदर कई लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। मिली जानकारी के मुताबिक, 12 से अधिक लोग आग में झुलस गए हैं और उनका इलाज संजय गांधी अस्पताल में चल रहा है।
अस्पताल के बाहर लोगों की काफी भीड़ जमा हुई है। लोग हादसे का शिकार हुए अपने परिजनों के बारे में जानने के लिए अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल है। दल्लिी अग्निशमन विभाग के मुताबिक, उन्हें शाम के करीब 4:40 बजे आग लगने की घटना की सूचना मिली। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर पहुंची हुई हैं और इसके साथ ही पीड़ितों को तत्काल चिकत्सिा सहायता प्रदान करने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा भी मौके पर उपलब्ध कराई गई है।
पहली मंजिल में लगी थी आग
एक वरष्ठि पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक चार मंजिला इमारत है। आग इमारत की पहली मंजिल में लगी, जहां एक सीसीटीवी कैमरे और राउटर नर्मिाण कंपनी का कार्यालय है। इमारत में स्थित एक गोदाम में परफ्यूम और देसी घी होने की वजह से आग ने तेजी से पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया। उन्होंने कहा, हादसे के वक्त इमारत में करीब 200 लोग थे जिसमें एक कमरे में 50-60 लोगों की मीटिंग भी हो रही थी तभी आग में इन्हें अपनी चपेट में ले लिया। खिड़कियों के शीशे को तोड़कर लोगों को बाहर निकालने का काम किया गया।
इमारत के मालिक गिरफ्तार
बाहरी जिले के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एस शर्मा ने मीडिया को बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और इमारत के मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि अभी और शवों के मिलने की संभावना है क्योंकि बचाव अभियान अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि वे आग से बरामद शवों की पहचान करने के लिए फोरेंसिक टीम की मदद लेंगे।
बचाव टीम ने कई लोगों को निकाला
बचाव दल ने इमारत के शीशे तोड़े और पहली मंजिल पर जमा लोगों को निकाला शुरू किया। इसके लिए क्रेन व रस्सी का सहारा लिया गया। उधर, आग तेजी से पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले रही थी। बचाव कार्य के दौरान कुछ लोग घायल भी हुए। बचाव दल ने इमारत के बाहरी हिस्से में मौजूद सभी लोगों को निकाल लिया। मगर, अंदर फंसे कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई। इन सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं।
आग बुझाने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली
आग की भयावहता को देखते हुए दमकल विभाग को ड्रोन कैमरे की मदद लेनी पड़ी। ड्रोन से मिली तस्वीरों और वीडियो के आधार पर दमकल ने आग वाली जगहों को लक्ष्य बनाया। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने के बाद इसके ठंडे होने का इंतजार किया जाएगा। इसके साथ ही कूलिंग की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके बाद फिर बचाव कार्य शुरू किया जाएगा।
इमारत को नहीं मिला था अनापत्ति प्रमाणपत्र
जांच में मालूम हुआ कि इस पूरी इमारत को अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला था। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस सिलसिले में इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा से भी पूछताछ की जाएगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
अस्पताल तक बनाया ग्रीन कॉरिडोर
चूंकि, हादसा मुख्य मार्ग पर हुआ, इसलिए बचाव कार्य की वजह से पूरे इलाके में ट्रैफिक जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस जाम खुलवाने में जुटी रही। इस बीच, इमारत से निकलने वाले घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। यह कॉरिडोर मुंडका से संजय गांधी अस्पताल तक बनाया गया।