मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के सनावद में एक लाचार बाप की फरियाद नहीं सुनने पर वह इस कदर दुखी हुआ कि उसने मौत को ही गले लगा लिया। सनावद के मंडलोई मोहल्ले में रहने वाले जीतेंद्र बनवाड़े अपनी बेटी के अगवा होने की रिपोर्ट लिखाने थाने गए थे। लेकिन उनकी वहां सुनवाई नहीं हुई, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सिर्फ 151 के तहत केस दर्ज कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। इस बात से आहत जितेंद्र ने घर आकर खुद को फांसी के फंदे पर लटका लिया।
ये है पूरा मामला
खरगोन स्थित सनावद के मंडलोई मोहल्ले में गुरुवार को मानसिक रूप से कमजोर लड़की को अगवा करने की नीयत से शिव नामक युवक उसे कहीं ले जा रहा था। शिव को लड़की ले जाते परिजनों ने देख लिया तो हंगामा हुआ। लड़की ने बताया कि इससे पहले भी युवक उसे दो-तीन बार घर ले गया। इस पर परिजन को शक हुआ कि उनकी बेटी के साथ कुछ गलत काम किया होगा। इसी कारण परिजन पुलिस थाने पहुंचे और बेटी का मेडिकल कराने की मांग की।
वहीं खरगोन पुलिस ने युवक के खिलाफ महज खानापूर्ति वाली 151 की कार्रवाई कर छोड़ दिया। युवक थाने से निकलकर फिर से लड़की के घर के सामने पहुंचा और गाली-गलौच करने लगा। इसी से लड़की के पिता आहत हुए। थाने से घर पहुंचे परिजन एक कमरे में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। इसी दौरान पिता जितेंद्र बनवाड़े (42) ने घर के दूसरे कमरे में जा कर फांसी लगा ली। इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन फिर से थाने पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। जितेंद्र की आत्महत्या की खबर के बाद पुलिस ने युवक को फिर से गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
इधर सनावद थाना के प्रभारी का कहना है कि वह मामले की जांच कर रहे हैं। युवक के खिलाफ पहले छेड़छाड़ की बात सामने आई थी। जिस पर 151 लगा कर आरोपी को समझाइश दी गई थी। उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।