जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय(जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली दंगा मामले में गुरुवार को गिरफ्तार किया। हालांकि उमर खालिद दंगों की साजिश मामले में पहले से न्यायिक हिरासत में है। परन्तु अपराध शाखा ने दंगों से संबंधित अलग मामले में खालिद को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया। अदालत ने खालिद को तीन दिन की रिमांड पर पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।
इससे पहले कड़कड़डूमा अदालत ने खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में 22 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते 14 सितंबर को गैर कानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। सेल ने खालिद को दस दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड समाप्त होने पर खालिद को 22 अक्तूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की ही अपराध शाखा ने खालिद को दंगे भड़काने से संबंधित मामले में हिरासत में लिया है।
जिस मामले में खालिद को अब रिमांड पर लिया गया है उस मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत अन्य के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। इस आरोपपत्र में कहा गया है कि दंगे भड़के से एक महीने से पहले आठ जनवरी को ताहिर हुसैन ने उमर खालिद व खाली सैफी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में तय किया गया था कि नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) का शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को और हवा देनी है। इस नफरत को एकता के साथ फैलाना है।
खालिद ने उस समय कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान कुछ बड़ा होना चाहिए, जैसे की दंगे।अइसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश को लेकर अलग से जांच शुरु कर दी। इसी तफ्तीश में खालिद को दंगों की साजिश में आरोपी बनाया गया। जबकि अपराध शाखा ने अलग मामले में खालिद को आरोपी बनाते हुए रिमांड पर लिया है।