राजधानी दिल्ली में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रस्तावित अतिक्रमण विरोधी अभियान गुरुवार को केएन काटजू मार्ग उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में चलेगा। दिल्ली में एमसीडी द्वारा घोषित अतिक्रमण विरोधी अभियान का अब अच्छा असर दिखने लगा है।अभियान से पहले लोगों ने रोहिणी के केएन काटजू मार्ग पर अस्थायी अतिक्रमण को हटाना शुरू कर दिया है।
कार्यालय सहायक आयुक्त, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अनुसार, सरकारी भूमि, फुटपाथ और पैदल मार्ग से अस्थायी और स्थायी अतिक्रमण को हटाने के लिए उत्तरी डीएमसी द्वारा अन्य विभागों के साथ विशेष अतिक्रमण हटाने का अभियान तय किया गया है।
इससे पहले बुधवार को भी, नगर निगम ने दिल्ली के कई हिस्सों में अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त करने के लिए अपना अभियान जारी रखा था, जबकि वाम दलों ने सरकार पर सांप्रदायिक माहौल फैलाने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया।
जिन स्थानों पर तोड़फोड़ की गई उनमें तिलकनगर, द्वारका, लोधी रोड, नजफगढ़, आया नगर सहित कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इस बीच, न्यू सीलमपुर में विध्वंस नहीं किया गया क्योंकि पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया जा सका। वहीं, इससे पहले वामपंथी संगठनों ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास तक नागरिकों के साथ मार्च निकाला था।
भारी पुलिस बल के बीच भले ही सभी प्रदर्शनकारियों को रोक लिया गया, लेकिन वे बुलडोजर के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। वहीं हाथों में तख्तियां लिए उन्होंने सरकार पर दिल्ली में सांप्रदायिक माहौल फैलाने का आरोप लगाया। कई वाम दलों जैसे सीपीआई, सीपीआई-एम, सीपीआई (एमएल), एआईएफबी, आरएसपी, आदि ने प्रदर्शन में भाग लिया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के सचिव पुरुषोत्तम मिश्रा ने आईएएनएस को बताया कि सरकार सांप्रदायिक राजनीति करके और जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाकर देश को बांटने में लगी हुई है। हम इस बुलडोजर अभियान के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।