10 मई को यून सुक-योल ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से यून ने कई मौकों पर क्वाड ग्रुप (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत) से जुड़ने की इच्छा जताई है। लेकिन दक्षिण कोरिया क्वाड ग्रुप से क्यों जुड़ना चाहता है और इससे चीन क्यों तिलमिलाया हुआ है, आइए समझने की कोशिश करते हैं।
उत्तर कोरिया को लेकर सख्त रहेगी यून सुक-योल की पॉलिसी
यून सुक-योल को दक्षिण कोरिया का ‘डॉनल्ड ट्रंप’ भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि इनके बोलने का रवैया और काम करने का तरीका कुछ हद तक ट्रंप के जैसा ही है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि उत्तर कोरिया को लेकर दक्षिण कोरिया की पॉलिसी बेहद सख्त रहने वाली है। उन्होंने कहा है कि उत्तर कोरिया के हमला करने से पहले ही हम उनपर हमला कर सकते हैं। कोरिया पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है भविष्य में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध तनावपूर्ण रह सकते हैं।
चीन को लेकर भी सख्त रहने वाले हैं यून सुक-योल
यून सुक-योल ने उम्मीद जताई है कि उनके कार्यकाल के दौरान दक्षिण कोरिया का भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत होगा। इसके साथ ही उन्होंने क्वाड ग्रुप से जुड़ने की इच्छा जताई है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यून सुक-योल चीन को लेकर भी सख्त रहने वाले हैं क्योंकि बीजिंग ही उत्तर कोरिया का सबसे अच्छा दोस्त है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि भले दक्षिण कोरिया ट्रेड आदि को लेकर चीन पर बहुत हद तक निर्भर है लेकिन साउथ चाइना शी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और सबसे महत्वपूर्ण कोरिया को लेकर चीन के रवैए से परेशान है।
क्या क्वाड में वाकई शामिल होगा दक्षिण कोरिया?
रिपोर्ट्स बताती हैं कि न्यूजीलैंड, विएतनाम और दक्षिण कोरिया जैसे देश क्वाड में शामिल होना चाहते हैं। इतना ही नहीं क्वाड प्लस की मीटिंग में ब्राजील और इजरायल जैसे देश भी शामिल रहे हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि भविष्य में क्वाड ग्रुप में और देश शामिल हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि दक्षिण कोरिया को जल्द ही क्वाड ग्रुप का आब्जर्वर मेंबर बनाया जा सकता है और आब्जर्वर मेंबर बनने के कुछ सालों के बाद दक्षिण कोरिया क्वाड ग्रुप का सदस्य बन सकता है।
चीन क्यों तिलमिलाया हुआ है?
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दक्षिण कोरिया के क्वाड ग्रुप में शामिल होने को लेकर लताड़ लगाई है। चीन ने कहा है कि दक्षिण कोरिया क्वाड में शामिल होकर इन देशों का मोहरा न बन जाए। दक्षिण कोरिया को अपनी पॉलिसी अपने हिसाब से तय करनी चाहिए, किसी के बहकावे में आकर नहीं।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में हजारों सैनिकों को तैनात किया हुआ है और नए राष्ट्रपति यून सुक-योल चाहते हैं कि और अमेरिकी सैनिकों को दक्षिण कोरिया में तैनात किया जाए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन की सबसे बड़ी चिंता ये है कि दक्षिण कोरिया एकदम से चीनी विरोधी खेमे में न चला जाए। यही सबसे प्रमुख कारण है कि चीन नहीं चाहता है कि दक्षिण कोरिया क्वाड का हिस्सा बने।