उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में पिछले महीने हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने अब तक तीन नाबालिगों समेत 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जहीर खान उर्फ जलील (48) और अनाबुल उर्फ शेख (32) को शुक्रवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया गया, वहीं तीसरे आरोपी तबरेज (40) को भी शनिवार को उसी इलाके से गिरफ्तार किया गया। झड़प के दिन से ही जहीर खान और अनाबुल दोनों फरार थे।
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से और गवाहों के बयानों के आधार पर उनकी पहचान की गई, जिन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों हिंसा में सक्रिय भागीदार थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए थे और कई बार अपना ठिकाना बदल चुके थे। जब वे यहां अपने घर लौटे तो पुलिस को उनके जहांगीरपुरी में होने का पता चला। अधिकारी के अनुसार, जलील को सीसीटीवी फुटेज में पिस्तौल लहराते हुए देखा गया था और उसने गोली चलाई या नहीं इसकी जांच की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि अनाबुल झड़पों में सक्रिय भागीदार था।
पुलिस ने दावा किया कि तबरेज भी हिंसा में सक्रिय रूप से शामिल था, तकनीकी सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर ताजा गिरफ्तारियां की गई हैं।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को राजधानी के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों में आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय घायल हो गया था। पुलिस के मुताबिक, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था।
हिंसा के कुछ दिनों बाद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखा था। पुलिस ने मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है।