समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल यादव ने बड़ा हमला किया है। उन्होंने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा है कि जिसे चलना सिखाया वही उन्हें रौंदता रहा। ईद के मौके पर शिवपाल यादव से पहले आजम खान ने भी बेटे के ट्विटर हैंडल के सहारे अखिलेश को निशाने पर लिया है।
शिवपाल यादव ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर संतुष्ट (अखिलेश यादव को) करने का प्रयास किया। शिवपाल ने लिखा, ”अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया! इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी! हमने उसे चलना सिखाया.. और वो हमें रौंदते चला गया.. एक बार पुनः पुनर्गठन, आत्मविश्वास व सबके सहयोग की अप्रतिम शक्ति से ईद की मुबारकबाद।”
मुलायम सिंह यादव की विरासत को लेकर अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच झगड़ा नया नहीं है। 2017 में ही दोनों की राहें अलग हो गईं थीं। शिवपाल यादव ने अपनी नई पार्टी बना ली। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के कहने पर भतीजे से समझौते को तैयार हो गए। 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके शिवपाल को भतीजे ने महज एक सीट दी और वह भी साइकिल चुनाव चिह्न पर लड़ने की शर्त के साथ। शिवपाल तब से ही अपमानित महसूस कर रहे हैं।
चुनाव में सपा की हार के बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच दूरी एक बार फिर बढ़ गई। शिवपाल यादव ने बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है तो अखिलेश उन्हें जल्द चले जाने को कह रहे हैं। अटकलें हैं कि शिवपाल यादव आजम खान के साथ मिलकर कोई नया मोर्चा बना सकते हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, दोनों नेता सपा के एमवाई समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। दोनों ही अखिलेश के रवैये से नाराज हैं और साथ मिलकर अपने कथित अपमान और उपेक्षा का बदला ले सकते हैं।