मध्य प्रदेश के खरगोन के करही थाना क्षेत्र का एक युवक पिछले 2 दिनों से लापता हो गया था। परिजन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर करही थाने में अपहरण का केस दर्ज कराने पहुंचे लेकिन खरगोन के करही थाने की पुलिस ने ना तो अपहरण का केस दर्ज किया, और ना ही गुमशुदगी का । 2 दिन बाद गुमशुदा युवक की लाश खंडवा जिले के ओमकारेश्वर थाना क्षेत्र में मिली। यहां भी पुलिस की लापरवाही देखने को मिली।
दरअसल पुलिस ने अज्ञात लाश की ना तो शिनाख्त कराई ना ही सोशल मीडिया के माध्यम से या किसी अन्य माध्यम से उसका पता लगाने की कोशिश की। पुलिस ने शव को दफना दिया। इधर खरगोन पुलिस ने 24 घंटे बाद युवक के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। परिजनों को ओमकारेश्वर में लाश मिलने की खबर लगी तो उन्होंने पता किया तब जाकर पता चला कि युवक के साथ कुछ बुरा हुआ है।
इस घटना के बाद खरगोन और खंडवा पुलिस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। याद दिला दें ऐसा ही एक मामला खरगोन दंगे के दौरान देखने को मिला था। जब घायल युवक इबरेश की इलाज़ के दौरान मौत हो गई थी। उसके परिजन भी उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने थाने के चक्कर लगाते रहे थे। लेकिन बाद में उसकी मौत का पता चला था।
बहरहाल यह नया मामला मध्यप्रदेश में खरगोन के करही थाना इलाके के पिपल्याबुज़ुर्ग का है। जहां फल व्यापारी महेश वर्मा के अगवा होने की शिकायत सीसीटीवी फुटेज के साथ करने के बावजूद पुलिस ने कोई हलचल नहीं दिखाई और 24 घण्टे बाद गुमसुदगी दर्ज करने की बात कह कर फरियादियों को टाल दिया। 24 घण्टे के बाद इधर महेश की गुमशुदगी दर्ज हुई। तब तक ओम्कारेश्वर में कथित हादसे का शिकार हुए महेश वर्मा की लाश को अज्ञात मानकर ओम्कारेश्वर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर दफनवा दिया।