दक्षिण भारत की सबसे फेमस चीजों में से एक है नारियल। उत्तर भारत को खास तौर से नारियल के लिए दक्षिण भारत का आभारी होना चाहिए। यह एक मात्र ऐसा फूड है जो सिर्फ दक्षिण भारत में ही होता है। नारियल का अधिकतम इस्तेमाल कैसे करना है, यह भी हम दक्षिण भारत से ही सीख सकते हैं।
पोषक तत्वों का खजाना है नारियल
नारियल पानी, नारियल गिरी और सूखा नारियल, आप नारियल को किसी भी फॉर्म में इस्तेमाल करें यह आपको ढेर सारे फायदे देता है। यह असल में पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें विटामिन, मैग्नीशियम, फाइबर, खनिज, कैल्शियम आदि भरपूर मात्रा में होते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि नारियल के साथ-साथ नारियल तेल भी आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है।
गुड ओल्ड कोकोनट ऑयल
आप भले ही एक छोटी सी शीशी में नारियल तेल रखें पर दक्षिण भारत में कुकिंग के लिए भी नारियल तेल का इस्तेमाल होता है।
इसके गुणों को देखकर अब आहार एवं पोषण विशेषज्ञ भी खाने में कोकोनट ऑयल एड करने की सलाह देते हैं। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता और पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। सिर्फ इतना ही नहीं नारियल तेल आपको और भी बहुत से फायदे देता है।
आपको नोट कर लेने चाहिए नारियल तेल के ये 4 फायदे
1 इम्युनिटी होती है मजबूत
थैंक्स टू कोविड-19 महामारी, जिसने लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ध्यान देने का मौका दिया। असल में रोग प्रतिरोधक क्षमता आपका वह सुरक्षा कवच है जो बाहरी संक्रमणों से मुकाबला कर आपको बीमार होने से बचाती है। और इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने में कोकोनट ऑयल बहुत फायदेमंद है।
2 वेट लॉस में मददगार
अगर आप वजन कम करने की योजना बना रही हैं और इसमें वेटलॉस डाइट भी नए सिरे से प्लान कर रहीं हैं, तो हमारी आपको सलाह है कि आप अपने खाने में कोकोनट ऑयल शामिल करें। यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है। जिससे फैट बर्न होते हैं और आपकी वेट लॉस जर्नी ज्यादा आसान हो जाती है। खासतौर से पेट के निचले हिस्से में जमने वाले फैट से छुटकारा मिलता है।
3 गट हेल्थ बेहतर होती है
अपच, गैस और कब्ज जैसी समसस्याएं तभी होती हैं, जब आपकी गट हेल्थ पुअर होती है। पेट के अंदर कुछ ऐसे बैक्टीरियाज होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं। नारियल तेल का सेवन करने से इन गुड बैक्टीरियाज की एक्टिविटी सही बनी रहती हैं। जिससे आप अपच और कब्ज जैसी समस्याओं की शिकार नहीं होतीं।
4 बोन हेल्थ के लिए फायदेमंद
अगर आप 30s में शामिल हो रहीं हैं, तो आपको अपनी बोन हेल्थ के प्रति ज्यादा सजग हो जाना चाहिए। कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि 30 वर्ष की उम्र तक आते महिलाओं की बोन हेल्थ प्रभावित होने लगती है।