बीजिंग स्थित भारतीय एंबेसी ने चीन में भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर बड़ी खबर दी है। दूतावास ने एक ट्वीट में कहा है कि 25 मार्च 2022 को भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के बाद, चीनी पक्ष ने जरूरत के आधार पर भारतीय छात्रों की चीन वापसी पर विचार करने की इच्छा जताई है।
भारतीय दूतावास बनाएगा छात्रों की लिस्ट
दूतावास ने बताया है कि इस पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भारतीय एंबेसी ऐसे छात्रों की एक सूची तैयार करना चाहता है जिसे चीनी पक्ष के साथ साझा किया जाएगा। ऐसे में एंबेसी ने संबंधित छात्रों से एक फॉर्म भरकर जरूरी जानकारी देने की अपील की है।
कोविड को लेकर चीन के नियम सख्त
भारतीय दूतावास ने आगे बताया है कि चीनी पक्ष के साथ जानकारी साझा करने के बाद चीन सरकार उसे सत्यापित करके संबंधित चीनी विभाग से परामर्श करेंगे। इस पूरे प्रक्रिया के बाद छात्र बचे हुए पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए चीन लौट सकते हैं। इसके साथ ही एंबेसी ने बताया है कि चीन ने कहा है कि छात्रों को कोविड के जुड़े सभी रोकथाम के उपायों का पालन करना चाहिए और कोविड की रोकथाम के उपायों से संबंधित सभी खर्चों को स्वयं वहन करने के लिए सहमत होना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय ने दी थी जानकारी
भारतीय दूतावास के इस घोषणा से ठीक पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि चीन कुछ भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए तैयार है और इसे लिए विवरण पर काम किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई और कहा कि दोनों पक्ष मामले को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
भारत ने चीन को उसी की भाषा में दिया जवाब
हाल ही में भारत ने चीनी नागरिकों को इंडिया की ओर से जारी किए गए टूरिस्ट वीजा को सस्पेंड कर दिया था। एक्सपर्ट्स का कहना था कि भारत ने यह कदम चीन की उस जिद के जवाब में उठाया था जहां चीन कई महीनों से भारतीय छात्रों को चीन आने की इजाजत नहीं दे रहा था।