बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। एनडीए, महागठबंधन, तीसरा मोर्चा समेत तमाम दलों ने अपनी चुनावी तैयारियों और सीटों के लिए कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट करने का काम तेज कर दिया है। हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक एनडीए और महागठबंधन में रार मची हुई है।
इस बीच निर्वाचन आयोग ने पहले चरण के तहत चुनाव होने वाले 71 सीटों के लिए नामांकन की अधिसूचना जारी कर दी है। इन 71 सीटों पर आज से नामांकन शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक इन सीटों में से कई सीटों पर विभिन्न पार्टियों और गठबंधन की ओर से उम्मीदवारों के चयन की घोषणा भी नहीं की गई है। अधिकतर दलों में कैंडिडेट्स को लेकर मंथन जारी है।
उधर सभी दलों के चुनावी जीत के दावे प्रतिदावों के बीच नीतीश सरकार के 7 मंत्रियों चार जदूयू कोटे और तीन भाजपा कोटे से की अग्निपरीक्षा होगी। इन मंत्रियों में जद यू कोटे के चार मंत्रियों शैलेश कुमार(मुंगेर जमालपुर), कृष्णनंदन वर्मा (घोसी से ), संतोष कुमार निराला (राजपुर से) और जय कुमार सिंह(दिनारा से ) समेत भाजपा कोटे के तीन मंत्रियों राम नारायण मंडल(बांका से), बृज किशोर बिन्द(चैनपुर) और प्रेम कुमार(गया से) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी होगी।
सूत्र बताते हैं कि बिहार में एनडीए सरकार के कई मंत्री एंटी इंकंबेंसी की भेंट चढ़ सकते हैं। दरअसल बताया जाता है कि पहले कोरोना फिर बाढ़ और विभिन्न मुद्दों को लेकर कई जिलों में नीतीश सरकार के खिलाफ लोगों में गहरा आक्रोश है। ऐसे में कई वर्तमान मंत्रियों और विधायकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भाजपा के अंदरूनी सर्वे में एंटी इंकंबेसी का फैक्ट सामने आया था। यही वजह है कि इस बार चुनाव में भाजपा नेता सीट बंटवारे के दौरान जदूय के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर दे रही है, कम नहीं। भाजपा के सर्वे में भी पार्टी के नेताओं ने 30 सिटिंग एमएलए को इस बार टिकट नहीं देने की सिफारिश की है।