भयानक आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में अब राजनीतिक बादल भी मंडरा रहे हैं। एक तरफ जहां जनता सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस्तीफा मांग रही है तो वहीं विपक्ष ने अब सरकार बनाने का दावा ठोंक दिया है। इसी बीच एक और घटनाक्रम सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे एक नए प्रधानमंत्री के साथ अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं। लेकिन इसी दौरान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा देने से मना कर दिया है।
दरअसल, हाल ही में राजपक्षे की ही पार्टी एक बागी सांसद ने दावा किया था कि विपक्ष के पास 225 सदस्यीय संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए आवश्यक 113 का आंकड़ा मौजूद है। इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा था वह सरकार को किसी भी ऐसे समूह को सौंप देंगे जो 113 सीटें जुटा सकता है लेकिन वे राष्ट्रपति पद से नहीं हटेंगे। इसके बाद यह माना जा रहा था कि पूर्व पीएम रानिल विक्रमसिंघे फिर से पीएम बन सकते हैं।
दोनों नहीं छोड़ना चाहते अपने पद
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस विचार से सत्ताधारी पार्टी के कुछ सांसद खिलाफ नजर आए, साथ ही प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भी इस्तीफा देने से मना कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों राजपक्षे भाई आमने सामने आ चुके हैं। हालांकि दोनों यह चाहते हैं कि देश में राजनीतिक बदलाव हो जाए लेकिन दोनों अपने पद नहीं छोड़ना चाहते हैं।
उधर प्रदर्शनकारी लगातार पीएम महिंदा राजपक्षे का भी इस्तीफा मांग रहे हैं। साथ ही राजपक्षे परिवार पर मुकदमा चलाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच सत्तारूढ़ दल ने 225 सदस्यीय संसद में बहुमत खो दिया, क्योंकि पार्टी के कुछ सांसद ने निर्दलीय होने का विकल्प चुना है, वे बागी हो चुके हैं। इन सबके बीच ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही विपक्ष की अगुवाई में एक अंतरिम सरकार सामने आ सकती है।
राष्ट्रपति ने सरकार बनाने का आह्वान किया!
इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा था वह सरकार को किसी भी ऐसे समूह को सौंप देंगे जो 113 सीटें जुटा सकता है लेकिन वे राष्ट्रपति पद से नहीं हटेंगे। उधर श्रीलंका के लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के एक समूह ने प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे का घर भी घेर लिया था। बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों के छात्र घेराव करने के लिए पहुंचे थे। वे प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
बता दें कि श्रीलंका में लोगों को बिजली, पानी और खाने के लिए जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा सरकार के पास विदेशी मुद्रा की भारी कमी है। ऐसे में ईंधन का भी आयात नहीं हो पा रहा है। हाल ही में देश के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वहां आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं। इस पहले श्रीलंका में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में गोटाबाया राजपक्षे ने नई कैबिनेट का गठन किया था।