दो सालों से मास्क सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। जब लगता है कि कोरोना का खतरा अब कुछ कम हो गया है, तभी कोरोना का नया वेरिएंट आ जाता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि मास्क पहनने के कई फायदे हैं। इसे पहनने से कोरोना से काफी हद तक बचाव होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार मास्क पहनने के कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। इसका असर आंखों पर पड़ रहा है| कई लोग ड्रॉय आई सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इस बीमारी को जानने के लिए पहले इसके लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है।
ड्राई आई सिंड्रोम क्या है (What is Dry Eyes Syndrome)
ड्राई आई सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपके आंसू आपकी आंखों को पर्याप्त चिकनाई नहीं दे पाते हैं, जिससे आपको आंखों में दर्द महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपकी आंखें पर्याप्त आंसू नहीं पैदा नहीं करती या फिर आपकी आंखों में अगर चिकनाई वाले आंसू नहीं आते, तो भी आपको समझ जाना चाहिए कि आपको यह सिंड्रोम हो रहा है। लंबे समय तक सूखापन आंखों में सूजन पैदा कर सकता है और आंख की सतह को नुकसान पहुंचा सकता है। लम्बे समय तक ऐसा होने से आपकी आंखों में चुभन या जलन पैदा कर सकती है। वैसे, तो इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन वर्तमान में ज्यादा मास्क के इस्तेमाल से आपको प्रॉब्लम हो सकती है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार मास्क पहनने से ड्राई आई सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है और इस स्थिति को मास्क-एसोसिएटेड ड्राई आई नाम दिया गया है।
क्या हैं लक्षण (Dry Eyes Syndrome Symptoms)
इस सिंड्रोम का असर पहले एक आंख पर होता है। फिर धीरे-धीरे इसका असर दोनों आंखों पर होने लगता है। सूखी आंखों के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं।
-आंखों में चुभन, जलन या खरोंच का अहसास
-प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
-आंखें लाल होना
-आंखों में कुछ होने का एहसास
-नम आंखें
-धुंधली दृष्टि या आंखों की थकान
-पलकों में सूजन
किसे और कितना है खतरा?
हम सभी लम्बे समय से मास्क पहन रहे हैं, ऐसे में किसी को भी यह खतरा हो सकता है, लेकिन साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों में इसका खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, बिना ब्रेक के लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने वालों, एयर कंडीशनर और गर्म वातावरण में समय बिताने वालों को भी खतरा होता है। वहीं, स्मोकिंग या ड्रिकिंग की लत वालों को भी इसका सबसे ज्यादा खतरा रहता है।