दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा की जांच में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम सामने आ रहा है। पुलिस टीम पीएफआई की स्टूडेंट विंग जुड़े करीब 20 लोगों पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर हिंसा में पीएफआई की स्टूडेंट विंग से जुड़े लोगों की भूमिका सामने आई है। इस संगठन के लोग बड़ी संख्या में हिंसा से पहले जहांगीरपुरी इलाके में सक्रिय थे। ऐसे में अब जिन लोगों का नाम सामने आ रहा है उन्हें जांच में शामिल किया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी भी व्यक्ति य संगठन की भूमिका हिंसा में पाई जाती है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में भी पीएफआई की भूमिका पाई गई थी और पुलिस ने अपनी चार्जशीट में भी उसका नाम शामिल किया था।
पुलिस सूत्रों की माने तो 16 अप्रैल को मध्यप्रदेश के खारगौन में हुई हिंसा में पीएफआई के लोगों पर फंडिंग करने का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस की जांच में भी यह बात सामने आई है कि जहांगीरपुरी इलाके में पीएफआई की स्टूडेंट विंग से जुड़े करीब 100 लोग हिंसा से पहले और बाद में जहांगीरपुरी इलाके में मौजूद रहे थे। ऐसे में अब दिल्ली पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा के दौरान यह लोग क्या कर रहे थे, कहां मौजूद थे और किन लोगों के सम्पर्क में थे। इतना ही नहीं पुलिस संगठन से जुड़े लोगों पर फंडिंग के साथ ही आरोपियों को बचाने और फरार करने तक की साजिश रचने का शक जता रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में अगर संगठन से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आएगी तो कुछ लोगों को पूछताछ में शामिल किया जाएगा।
सड़कों से बैरिकेडिंग हटाए गए
जहांगीरपुरी के दंगा प्रभावित इलाके में लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। सोमवार को कुशल सिनेमा से जामा मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क को छोड़कर सभी रास्तों से पुलिस की बैरिकेडिंग हटा लिए गए। इससे इलाके में चार पहिया वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। वहीं इलाके में करीब 60 फीसदी दुकानें खुली रही। लोग खरीदारी करते हुए भी दिखे। पुलिस भी लोगों से लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।