राजस्थान के कोटा में सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज तीन घंटे तक बिजली सप्लाई ठप हो गई। इस दौरान विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीज उपचार के लिए तड़पते रहे। वहीं डॉक्टरों द्वारा मोबाइल टॉर्च की रोशनी में उपचार किया गया। इसका वीडियो भी सामने सामने आया है। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिक पैनल में खराबी होने की वजह से अस्पताल में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। वहीं उपचार के दौरान एक महिला मरीज की जान भी चली गई।
बिजली गुल होने के दौरान चल रहा था इलाज
जिस वक्त बिजली गई उस समय एक बुजुर्ग महिला का उपचार चल रहा था। हालत गंभीर होने के चलते महिला को वेंटीलेटर पर रखा गया था। लेकिन अचानक बिजली चले जाने से महिला की हालत खराब होने लगी। वहां मौजूद डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में उसका इलाज किया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मृत महिला का नाम नंदू बाई निवासी रावतभाटा बताया गया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से महिला की मौत हुई है।
नहीं था कोई वैकल्पिक इंतजाम
आमतौर पर अस्पतालों में बिजली जाने के बाद प्रशासन की तरफ से 24 घंटे के लिए वैकल्पिक इंतजाम रहता है। ताकि आपात स्थिति में मरीजों को परेशानी न उठानी पड़ेञ लेकिन कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस तरह की कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली। जिस समय बिजली गुल हुई उस समय वेल्टीनेटर का बैकअप कुछ देर के लिए चालू रहा। लेकिन उसके बाद वह बैकअप भी खत्म हो गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने दूसरा इंतजाम करना जरूरी नहीं समझा। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने गलती मानने को तैयार नहीं है।
ज्यादा एसी चलने से एक ही लाइन पर आया लोड
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब अस्पताल बनकर तैयार हुआ था उस समय सभी वार्डों में एसी की संख्या कम थी। लेकिन अब धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ गई। वहीं पुरानी लाइन होने की वजह से इसका भार भी ज्यादा बढ़ गया। इसी वजह से लोड बढ़ने से लाइन जल गई। अस्पताल अधीक्षक डॉ सीएस सुशील का कहना है कि अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था है। लेकिन जो लाइन जली है उसकी वजह से जनरेटर भी चालू नहीं हो सके।