राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली दिल्ली पुलिस की महिला कर्मचारी विभाग में खुद यौन उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले पांच साल में दिल्ली पुलिस की 28 महिला कर्मचारी यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं। इनमें दोषी पाए जाने पर 23 पुरुष पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। किसी को बर्खास्त किया गया तो किसी को कुछ साल के लिए निलंबित कर दिया गया। अन्य मामले अभी भी लंबित हैं।
सभी की शिकायत सुनने वाले पुलिस कंट्रोल रूम से ही सबसे अधिक यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। यहां पिछले पांच सालों में सात महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। साल 2015 में दो महिलाओं ने आरोप लगाए थे, जबकि साल 2018 में चार महिलाओं ने आरोप लगाए।
5 मामले ट्रेनिंग कॉलेज के
कंट्रोल रूम के बाद सबसे अधिक पांच मामले पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय और स्कूल झड़ौदाकलां में सामने आए हैं। यहां साल 1016 में एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था, जबकि साल 2017 में तीन महिलाओं ने आरोप लगाए। वहीं साल 2018 में एक महिला ने आरोप लगाया।
तीन मामले मध्य जिला में
मध्य जिला में तीन महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए थे। तीनों मामले साल 2017 के हैं। पश्चिम जिला में साल 2015 में एक और साल 2019 में एक मामला सामने आया। इसके अलावा बाकी के अन्य जिलों और विभागों में एक-एक मामले सामने आए हैं।
यहां उत्पीड़न की हुईं शिकार
आरटीआई के अनुसार, दिल्ली पुलिस के जिन विभागों व जिलों में यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं, उनमें पीसीआर, सेंट्रल जिला, बाहरी जिला, सुरक्षा, दक्षिण पूर्वी जिला, अपराध, उत्तर पश्चिम जिला, राष्ट्रपति भवन सुरक्षा (इकाई), चतुर्थ वाहिनी, तृतीय वाहिनी, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय और स्कूल झड़ौदाकलां, एयरपोर्ट (इकाई), पश्चिमी जिला और नई दिल्ली जिला शामिल हैं।