मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद नुकसान के आकलन के लिए सरकार ने दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया था। यह दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण अब 26 अप्रैल यानी मंगलवार को खरगोन में उस जगह पर जाएगा जहां रामनवनी के जश्न के दौरान हिंसा भडकी थी। अधिकारियों ने कहा कि यह न्यायाधिकरण नुकसान के आकलन के साथ-साथ उन लोगों से हर्जाना भी वसूलेगा जिनकी वजह से यह नुकसान हुआ है।
स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को यहां कर्फ्यू को लेकर 9 घंटे की छूट दी है। यह छूट सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए दी गई है। यहां अनाज मंडी को भी खोलने की इजाजत दी गई है। 10 अप्रैल को खरगोन में हिंसा हुई थी, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगाया गया था।
दावा न्यायाधीकरण के प्रमुख रिटायर्ड जस्टिस हैं तथा इसके एक सदस्य प्रभात पराशर हैं। प्रभात पराशर भी रिटायर्ड राज्य सचिव हैं। एडिशनल कलेक्टर एस एस मुजाल्दा ने एक आदेश जारी कर कहा है कि न्यायाधीकरण 26 अप्रैल को खरगोन का दौरा करेगी। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि न्यायाधीकरण को काम में सहयोग के लिए कुछ कर्मचारियों को भी लगाया गया है।
इससे पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने दो सदस्यीय दावा न्यायाधीकरण का गठन किया था। हिंसा के दौरान हुए नुकसान के आकलन से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति वसूली अधिनियम 2021 के प्रावधानों के तहत इस न्यायाधिकरण का गठन किया गया था।
आपको बता दें कि 14 अप्रैल से यहां प्रशासन कर्फ्यू में थोड़ी-थोड़ी छूट दे रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, पेट्रोल पंप और अन्य धार्मिक स्थलों को अभी यह छूट प्रदान नहीं है। कर्फ्यू में ढील के दौरान दूध, सब्जी और दवा समेत कुछ अन्य जरूरी दुकानें ही खुलेंगी।