हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए चार देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान एक साथ एक मंच पर आए हैं। विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ चीन को घेरने के लिए चारों देश क्वाड समूह के रूप एक साझी रणनीति तैयार करेंगे। इसके लिए जापान में छह अक्तूबर को अहम बैठक होनी है। टोक्यो में होने वाली क्वाड देशों की सामूहिक बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन अपने जापानी समकक्ष तोशिमित्सु मोतेगी के साथ भावी रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
क्वाड विदेश मंत्रियों यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के सैन्य ताकत दिखाने को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में होगी। बैठक में चारों विदेश मंत्री कोविड-19 संकट के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक महामारी के साथ पैदा होने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित कदमों की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्तागस ने मंगलवार को बताया कि पोंपियो ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों के साथ होने वाली दूसरी क्वाड बैठक में भाग लेने जापान जाएंगे। इससे पहले, क्वाड बैठक के तहत चारों देशों के विदेश मंत्रियों की पहली मुलाकात सितंबर 2019 को न्यूयॉर्क में हुई थी।
पोंपियो सियोल भी जाएंगे :
प्रवक्ता ने बताया कि पोंपियो चार अक्तूबर से आठ अक्तूबर तक एशिया के दौरे के तहत टोक्यो में बैठक के बाद उलनबटोर और सियोल की भी यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए सात अक्तूबर को उलनबटोर जाएंगे और सात एवं आठ अक्तूबर को सियोल जाएंगे।
जयशंकर छह को जाएंगे :
वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर क्वाड मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए छह और सात अक्तूबर को टोक्यो जाएंगे। वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपने जापानी समकक्ष तोशिमित्सु मोतेगी के साथ बातचीत करेंगे।
अमेरिका के लिए अहम क्यों :
अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अधिक बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कई देशों का मानना है कि अमेरिका क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को काबू करने के लिए ऐसा कर रहा है।