यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद कई देशों के साथ मॉस्को के संबंध खराब हो रहे हैं। हालांकि चीन जैसे देश अब तक रूस के साथ एकदम साथ नजर आए हैं लेकिन इकॉनमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस ने रूसी विज्ञान अकादमी के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने से चीन के इनकार करने के बाद भारत से संपर्क किया है। बता दें कि करीब 300 साल पुराने इस रूसी संस्थान को दुनिया के सबसे प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों में माना जाता है। रूस ने वैज्ञानिक संस्थानों और निकायों के बीच नए सहयोग शुरू करने के लिए भारत से संपर्क किया है।
रूस ने सहयोग के लिए भारत से साधा संपर्क
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष अलेक्जेंडर सर्गेव ने बताया है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन ने वैज्ञानिक सहयोग को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रतिबंधों के कारण पश्चिमी देशों में विज्ञान अकादमियों के साथ संपर्क भी बंद कर दिया गया है। यही कारण है कि रूस ने विशेष क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत से संपर्क साधा है।
चीन और पश्चिम की तुलना में भारत अधिक सकारात्मक?
सर्गेव ने कहा है कि अगर हम दक्षिणी या पूर्वी दिशाओं के बारे में बात करते हैं तो दुर्भाग्य से मैं कह सकता हूं कि हमारे चीनी वैज्ञानिक सहयोगियों ने भी विराम दिया है। पिछले एक महीने में हम नियमित संचार के साथ उत्कृष्ट सहयोग के बावजूद गंभीर चर्चा में प्रवेश नहीं कर पाए हैं। उन्होंने आगे कहा है कि भारत एक सकारात्मक उदाहरण था जबकि चीन और पश्चिम की तुलना में और रूसी विज्ञान अकादमी भारत के साथ निर्धारित दवाओं, क्षेत्र और डिजिटल में सहयोग की संभावनाओं पर बहस करना चाहता है।
रूस ने हाल ही में दवाएं और चिकित्सा उपकरण के लिए भारत से किया था संपर्क
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि रूसी राजनयिकों को भारत और रूस के वैज्ञानिक निकायों के बीच साझेदारी की खोज करने का काम सौंपा गया है। बता दें कि रूस ने भी हाल ही में भारत से दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया है। ऐसे में यह देखना होगा कि रूसी विज्ञान अकादमी को लेकर मॉस्को और नई दिल्ली के बीच बातचीत कहां तक पहुंचती है।