अगर आप तनाव में हैं या अवसाद की समस्या से पीड़ित हैं तो आपके लिए मशरूम खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन ये एक आम मशरूम नहीं होगा। इसके लिए आपको मैजिक मशरूम खाना होना। क्योंकि इसमें एक ऐसा यौगिक होता है जो आपको मानसिक तनाव और अवसाद से बाहर निकलने में मदद करेगा।
एक अध्ययन में बताया गया कि मैजिक मशरूम में पाया जाने वाला साइकेडेलिक यौगिक उदास लोगों के दिमाग को खोलने में मदद करता है और उन्हें नकारात्मक सोच में फंसने से रोकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि मैजिक मशरूम में मिलने वाला रसायन ‘साइलोसाइबिन’ किसी भी तरह के सामान्य ‘एंटीडिप्रेसेंट एसिटैलोप्राम’ (दवा) की तरह ही काम करता है। लेकिन इसकी तीव्रता और क्षमता ज्यादा होती है। इससे उन लोगों को आराम मिलेगा जो मध्यम स्तर से लेकर गंभीर स्तर के अवसाद के शिकार हैं।
इलाज के लिए सटीक विकल्प
इम्पीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के शोध में यह दावा किया गया। यह अध्ययन नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में बताया गया कि मशरूम में पाए जाने वाले रसायन ‘साइलोसाइबिन’ ने मस्तिष्क को अधिक लचीला बना दिया है।
मैजिक मशरूम खाने के बाद भी इसका सकारात्मक असर हफ्तों बाद तक बना रहा। यह पहली बार नहीं है कि अवसाद से निपटने के लिए मशरूम को दवा के विकल्प के रूप में सुझाया गया है, लेकिन नए अध्ययन के शोधकर्ताओं का मानना है कि यह उपचार के लिए एक सटीक विकल्प हो सकता है।
किसी एक बात के दोहराव से बाहर निकालेगा
शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र में बताया कि अवसाद में मस्तिष्क की गतिविधि का पैटर्न कठोर और प्रतिबंधित हो जाता है और मैजिक मशरूम में पाया जाने वाला ‘साइलोसाइबिन’ रसायन मस्तिष्क में किसी एक बात के दोहराव से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।
ऐसा पारंपरिक उपचार नहीं कर सकते। हालांकि, इंपीरियल कॉलेज लंदन के विशेषज्ञों ने आगाह किया कि अवसाद के रोगियों को ‘साइलोसाइबिन’ के साथ अवसाद की अन्य किसी भी तरह का दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
संतोषजनका परिणाम मिले : रॉबिन कारहार्ट
इंपीरियल सेंटर फॉर साइकेडेलिक रिसर्च के प्रमुख प्रोफेसर डेविड नट ने कहा- साइलोसाइबिन परंपरागत एंटीड्रिप्रेसेंट्स से अलग तरीके से काम करता है क्योंकि यह मस्तिष्क को अधिक लचीला और तरल बनाता है और नकारात्मक सोच को रोकता है। शोध पत्र के वरिष्ठ लेखक प्रोफेसर रॉबिन कारहार्ट ने बताया कि साइलोसाइबिन से मिलने वाले परिणाम बेहद संतोषजनक हैं। ऐसा पारंपरिक ‘एंटीडिप्रेसेंट’ के साथ नहीं देखा गया था।
संभावित चिकित्सा प्रणाली के रूप में एक नई खोज
शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘साइलोसाइबिन’ मनोवैज्ञानिक विकारों के लिए संभावित चिकित्सा प्रणाली के रूप में एक नई खोज है। नया निष्कर्ष इंपीरियल कॉलेज लंदन के सेंटर फॉर साइकेडेलिक रिसर्च के नेतृत्व में अवसाद का उपचार करवाने वाले लगभग 60 लोगों के मस्तिष्क स्कैन के विश्लेषण पर आधारित हैं। अध्ययन की टीम का मानना है कि अभी इस पर और शोध की जरूरत है कि साइलोसाइबिन मस्तिष्क पर किस तरह से काम करता है।
अन्य दवाओं का असर साइलोसाइबिन से धीमा
पिछले कुछ दशकों में अनुसंधान ने सुझाव दिया है कि साइलोसाइबिन रसायन के कई चिकित्सीय लाभ हो सकते हैं, जिसमें चिंता, अवसाद और यहां तक कि इसमें किसी गलत लत के इलाज में मदद करने की क्षमता है। लेकिन अब तक, साइलोसाइबिन के लिए ‘नुस्खा’ एक रहस्य बना हुआ है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, शोध के दौरान पारंपरिक एंटीडिप्रेसेंट-एस्सिटालोप्राम के साथ इलाज करने वालों में मस्तिष्क की कनेक्टिविटी में समान परिवर्तन नहीं देखा गया था और इससे निष्कर्ष निकलता है कि ‘साइलोसाइबिन’ अवसाद के इलाज में अलग तरह से काम करता है। टीम के अनुसार, परिणाम अब साइकेडेलिक मशरूम पर आधारित फार्मास्यूटिकल दवाओं के उत्पादन के लिए नींव रख सकते हैं।