मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में गुरुवार को कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई। इस छूट के दौरान केवल महिलाओं को ही जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की इजाजत दी गई। दंगा प्रभावित शहर में चार दिनों के बाद गुरुवार को सुबह 10 बजे से दी गई छूट के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं खरीदारी करते हुए देखी गईं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रामनवमी समारोह के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाओं के बाद रविवार शाम को खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था। खरगोन कलेक्टर अनुग्रह पी ने कहा, ‘स्थिति नियंत्रण में है। सुबह 10 बजे से दो घंटे की छूट के दौरान केवल महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलने और आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई।’ उन्होंने कहा कि दो घंटे के लिए सिर्फ दूध, सब्जी, दवाई और राशन की दुकान खोली गई है।
नुकसान की वसूली के लिए बना ट्रिब्यूनल
पुलिस महानिरीक्षक (इंदौर ग्रामीण क्षेत्र) राकेश गुप्ता ने बताया कि हिंसा के मामले में अब तक 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से 89 को जेल भेजा जा चुका है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार को हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने आगामी त्योहारों के लिए सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के लिए दो सदस्यीय क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया है। एक अधिकारी ने बताया कि ट्रिब्यूनल के गठन के लिए मंगलवार को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। अधिसूचना में कहा गया है कि सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ शिवकुमार मिश्रा और राज्य सरकार के पूर्व सचिव प्रभात पाराशर की अध्यक्षता वाला ट्रिब्यूनल तीन महीने की अवधि में काम पूरा करेगा।