विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के साथ ही चुनाव आयोग का फोकस भी मतदाताओं को बूथ तक खींचने पर बढ़ गया है। परंतु बिहार के नौ संसदीय क्षेत्रों के 55 विधानसभा क्षेत्र इस राह में रोड़ा बनते दिख रहे हैं। पिछले तीन चुनावों से इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में लगातार गिरावट आ रही है। चुनाव आयोग ने इन जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को वोटर टर्न आउट (मतदातन प्रतिशत) बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
बिहार में चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था व ईवीएम से वोटिंग ने बैलेट बॉक्स की लूट व बूथ छापे की घटनाओं को तो रोक दिया है, लेकिन वोटरों को रिझाने के मामले में राजनीतिक दल अब भी पूरी तरह से सफल होते नहीं दिख रहे हैं । चुनाव आयोग की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि राज्य के नौ संसदीय क्षेत्र में पिछले तीन चुनावों से मतदान का प्रतिशत लगातार गिर रहा है। मतदाता जागरूकता अभियान के बीच इन संसदीय क्षेत्र के लोगों को वोट के लिए बाहर न आना चिंता का विषय बना हुआ है।
चलेगा विशेष जागरूकता अभियान
तीन चुनावों से मतदान प्रतिशत में लगातार कमी आने वाले 55 विधानसभा क्षेत्रों में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने अब इन क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान व बूथ पर सारी सुविधाओं की बहाली पर फोकस कर दिया है। सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को जागरूकता अभियान को गति देने व बूथ पर सुविधाएं बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
इन विधानसभा क्षत्रों पर आयोग का फोकस
सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंधा, बड़रिया, उजियारपुर, पातेपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहीउद्दीन नगर, विभूतीपुर, खगड़िया, सिमरी, बख्तियारपुर, हसनपुर, अलौली, बेलदौर, परबत्ता, बिहपुर, गोपालपुर, परपैंती, कहलगांव, भागलपुर, बेलदौर, नाथनगर, दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम, ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमराव, राजपुर, दीवारा, रामगढ़, नोखा, डेहरी, काराकट, गोह, ओवरा, नवीनगर, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर, कुर्था, अरवल, अतरी, बरबीघा, रजौली, हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर व वारिसलीगंज