नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र के गिरियक-राजगीर स्टेट हाइवे पर सोमवार की देर शाम अनियंत्रित ट्रक ने एक ही बाइक पर सवार तीन दोस्तों को धक्का मार दिया। शाम से लेकर मंगलवार की सुबह तक एक-एक कर तीनों की मौत हो गयी। तीनों रामहरिपिंड गांव के रहने वाले थे और उनकी उम्र 15 से 18 वर्ष के बीच थी। इनमें से दो अपनी मां-बाप के इकलौते बेटे थे।
मृतकों में उमेश राजवंशी का पुत्र रौशन कुमार (17 वर्ष), स्व. सत्येन्द्र राजवंशी का पुत्र रंजन कुमार उर्फ दुलारचंद (15 वर्ष) और स्व. राजाराम सिंह उर्फ बिहारी जी का पुत्र आदित्य कुमार (18 वर्षीय ) शामिल थे। दो दोस्त घर का सामान लाने के लिए बाइक से बाजार गया था। मंगलवार को शवों को गांव में लाया गया तो चीख-पुकार मच गयी। थानाध्यक्ष ने बताया कि शवों को परिवार के हवाले कर दिया गया है।
आटा लाने के लिए निकले थे घर से
परिजनों ने बताया कि देर शाम दो दोस्त बाइक से आटा लाने के लिए गिरियक मोड़ के पास गये थे। इसी दौरान तीसरे ने फोन कर उन्हें बलवापर मोड़ के पास बुलाया। दोनों बाइक लेकर बलवापर मोड़ के पास पहुंचे। तीसरा दोस्त जैसे ही बाइक पर बैठा, सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक में धक्का मार दिया। धक्का लगते ही तीनों बाइक समेत सड़क किनारे गड्ढे में फेंका गये। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। वहां से विम्स भेजा गया। वहां से तीनों को पटना रेफर किया गया। एक ने रास्ते में तो दो ने पटना पहुंचकर दम तोड़ दिया। मंगलवार की दोपहर पोस्टमार्टम के बाद तीनों शवों को गांव लाया गया।
दो के पिता नहीं, तो तीसरे के बीमार
रंजन और आदित्य के पिता नहीं थे। रौशन के पिता बीमार रहते हैं। उनकी माता ही मेहनत मजदूरी कर घर का खर्चा चलाती हैं। रौशन छह बहनों का इकलौता भाई था। वहीं, आदित्य भी दो बहनों का इकलौता भाई था। रंजन तीन भाई और दो बहनों में सबसे छोटा था। तीनों पढ़ाई कर रहे थे। परिवार को उनसे काफी उम्मीदें थीं। दोपहर बाद जैसे ही शव गांव लाये गये, महिलाएं छाती पीटकर रोने लगे। रोते-रोते मां और बहनों की आंखें पथरा गयी हैं।