15 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म और उसे गर्भवती करने के आरोपी को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाई है। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अश्विनी गौड़ की कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें 30 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि घटना को लेकर 17 जून 2019 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पीड़िता की माता ने पटेलनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उनकी 15 वर्षीय बेटी के साथ घर के सामने किराये के कमरे में रहने वाले युवक ने दुष्कर्म किया। आरोप है कि उसने जान से मारने की धमकी देते हुए कई बार शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता गर्भवती हो गई तो इसके बाद उसने डरते हुए परिजनों को इस बारे में बताया।
पुलिस ने रिसु निवासी पूरन, पीलीभीत, यूपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू की। मामला दर्ज होने से पहले आरोपी फरार हो गया। जांच में पता लगा कि आरोपी ने नौ और दस फरवरी 2019 के बीच पीड़िता से पहली बार दुष्कर्म किया था। इस दौरान उसके माता-पिता घर में नहीं थे और वह बेहोश भी हो गई थी। आरोप था कि केस दर्ज होने के दस दिन बार आरोपी ने फोन पर दबाव बनाकर पीड़िता को घर से गहने लेकर बुला लिया। पीड़िता डर के मारे चली गई।
इसके बाद उसने गहने बेच दिए। इस बीच पीड़िता को बरामद कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जांच कर नियत समय में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने गुरुवार को करीब 21 वर्षीय रिसु को बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाते हुए अलग-अलग धाराओं में कुल 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि पीड़िता के बयान और उसकी मेडिकल रिपोर्ट दोषी को सजा दिलाने में अहम रही। अभियोजन की ओर से पांच गवाह पेश किए गए।