राजस्थान के अजमेर में एक बार फिर बेकसूर के साथ थाने में बुलाकर उसके साथ अमानवीयता की गई। जिसके बाद पीड़ित ने एसपी के समक्ष पेश होकर न्याय की गुहार लगाई। मामले में एसपी ने एएसपी को तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने के लिए निर्देश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
अजमेर के जवाजा थाना क्षेत्र से पिछले दिनों एक लड़की को भगा ले जाने के मामले में जवाजा पुलिस ने सूचना देने वाले युवक को ही थाने लाकर उसके साथ हैवानियत की हदें पार कर दी। आरोप है कि थाने में उसके कपड़े उतारने के बाद क्रिकेट के स्टम्प पर जबरन बिठाया गया, साथ ही उसे उसी का पेशाब जबरन पिलाया गया। पीड़ित युवक ने सहायक पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरा को लिखित शिकायत देकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामले की जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक अजमेर को हुई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा को जांच के निर्देश दिए हैं।
लड़की भगा ले जाने से जुड़ा है मामला
जानकारी के मुताबिक, गंगा कॉलोनी उदयपुर रोड चुंगी नाका ब्यावर निवासी पीड़ित नरेंद्र सिंह ने शिकायत में बताया कि उसका दूर का रिश्तेदार हर्ष कमल एक लड़की को भगाकर ले गया था। जब उसे पता चला तो इसकी जानकारी उसने जवाजा पुलिस को दी और अपने काम पर गांधीधाम चला गया। जवाजा पुलिस 27 मार्च को उसे गांधीधाम से पकड़कर थाने ले आई उसके कपड़े उतरवाकर हवालात में बंद कर दिया और बेरहमी से मारपीट की।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि थाना अधिकारी की मौजूदगी में पुलिसकर्मी रामराज एवं जितेंद्र सिंह सहित चार अन्य पुलिसकर्मियों ने क्रिकेट का स्टम्प मंगवाकर उस पर तेल लगाया फिर उसे स्टम्प पर बैठाकर यातना दी गई। इतना ही नहीं, आरोप है कि जबरन उससे पेशाब करवाई गई और फिर उसे पिलाया भी गया। पीड़ित का आरोप है कि उसे कई तरह से डराया धमकाया भी गया। पुलिस ने इतना कुछ करने के बाद उसे धारा 151 में बंद कर उपखंड अधिकारी के समक्ष पेश कर दिया।
पीड़ित ने की एफआईआर दर्ज करने की मांग
बहरहाल इस पूरे प्रकरण में कहां तक सत्यता है, यह तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगी लेकिन स्थानीय पुलिस ऐसी किसी बात से पल्ला झाड़ रही है। पीड़ित ने एसपी अजमेर के समक्ष पेश होकर दोषी थाना अधिकारी एवं पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।