यूक्रेन की राजधानी कीव में बीती रात कोई हमला नहीं हुआ. कीव के आसपास और चेर्निहीव समेत कई इलाकों में रूसी सेना का हमला जारी है. दोनों देशों के प्रतिनिधि मंगलवार की बातचीत के बाद अपने देशों में सलाह मशविरे के लिए लौट गए.यूक्रेन की आपाकालीन सेवा का कहना है कि मिकोलाइव के क्षेत्रीय प्रशासनिक भवन पर मिसाइल हमले में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है. मंगलवार सुबह हुए इस हमले के बाद 9 मंजिला इमारत का एक पूरा हिस्सा ध्वस्त हो गया था. आपातकालीन सेवा के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मलबे से एक और आदमी का शव निकाला है. वहीं एक घायल की इलाज के दौरान मौत हो गई. यूक्रेनी राष्ट्रपति के एक सलाहकार ने बताया है कि रूसी सेना ने अपने कुछ सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास के इलाकों से हटाकर देश के पूर्वी हिस्से की ओर भेजे हैं. सलाहकार ओलेक्सी अरेस्टोविच का कहना है कि यह सैनिक वहां मौजूद यूक्रेनी सैनिकों को घेरने के लिए भेजे गए हैं. इसके साथ ही कुछ सैनिकों को कीव के पास ही रहने दिया गया है, ताकि वो यूक्रेनी सैनिकों को वहां से कहीं और जाने से रोक सकें. उत्तरी शहर चेर्निहीव से अभी सैनिकों को हटाए जाने की कोई खबर नहीं है. रूसी सेना के अधिकारियों का कहना है कि अब उनकी कोशिशें और ध्यान उत्तरी इलाकों पर है जहां रूस समर्थित अलगाववादी ताकतें यूक्रेनी सेना से 2014 से ही लड़ रही हैं. इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की चल रही बातचीत का पहला दिन खत्म होने के बाद रूस ने कहा था कि वह कीव और चेर्निहीव में अपनी गतिविधियां काफी कम करेगा, जिससे कि बातचीत को सफल बनाया जा सके. चेर्निहीव के गवर्नर का कहना है कि रूसी दावे के बावजूद वहां रात भर हमले होते रहे.
कीव के भी आसपास के इलाकों में हमले हुए हैं. हालांकि ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि राजधानी कीव के मुख्य इलाके में बीती रात कोई हमला नहीं हुआ है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को ही रूस की इस घोषणा पर संदेह जताया था कि वह यूक्रेन की राजधानी और उत्तरी शहर में हमले में भारी कमी करेगी. हथियार और तेल भंडार पर हमला इस बीच रूसी सेना ने यूक्रेन में हथियारों और ईंधन के भंडार को निशाना बनाने का दावा किया है. रूसी रक्षा मंत्री के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने बुधवार को बताया कि सेना ने हवा से मार करने वाले लंबी दूरी के क्रूज मिसाइलों से मध्य यूक्रेन के तेल भंडारों को निशाना बनाया है. कोनाशेंकोव ने यह भी कहा है कि रूसी सेना ने मिकोलाइव में यूक्रेन के स्पेशल फोर्सेज के मुख्यालय पर भी हमला किया है. इसके साथ ही जमीन से मार करने वाली मोबाइल इसकंदर मिसाइल की मदद से पूर्वी दोनेत्स्क इलाके में दो हथियारों के डिपो को भी निशाना बनाया गया है. तुर्की का कहना है कि यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडल ने बातचीत में प्रगति के बाद अपने देश जा कर सलाह मशविरा करने का फैसला किया है. मंगलवार को दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल की पूरे दिन बातचीत के बाद शाम को कुछ घोषणाएं की गईं. इसके बाद बुधवार को बातचीत फिर होनी थी लेकिन तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने कहा है कि दोनों पक्ष प्रस्ताव लेकर अपनी राजधानी गए हैं. रूसी समाचार एजेंसी- तास ने मंगलवार शाम प्रतिनिधिमंडल के वापस पहुंच जाने की खबर दी थी. कावुसोग्लु का कहना है कि उन्हें रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों की बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है हालांकि इसका कोई समय उन्होंने नहीं बताया. इसके अलावा तुर्की दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की बैठक की भी उम्मीद कर रहा है. यह भी पढ़ेंः रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल को आप कितना जानते हैं 40 लाख से ज्यादा शरणार्थी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बुधवार को बताया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से अब तक 40 लाख से ज्यादा शरणार्थी देश छोड़ कर जा चुके हैं.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में यह सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है. यूएनएचसीआर की वेबसाइट पर शरणार्थियों से जुड़े नए आंकड़े डाले गए हैं. इसके मुताबिक सबसे ज्यादा 23 लाख शरणार्थी पोलैंड पहुंचे हैं. इसके अलावा 608000 लोग रोमानिया, 387,000 मोल्दोवा और 364000 लोग हंगरी गए हैं. यह आंकड़े सरकारों ने दिए हैं. राहत के कामों में जुटे लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में शरणार्थियों के बाहर निकलने की रफ्तार थोड़ी कम हुई है क्योंकि बहुत से लोग जंग में हो रही प्रगति को देखते हुए इंतजार कर रहे हैं. तकरीबन 65 लाख लोग यूक्रेन में ही विस्थापित हुए हैं. ये लोग ज्यादा लड़ाई वाले इलाकों से कम लड़ाई या फिर शांत रहे इलाकों की तरफ गए हैं. यूएनएचसीआर की टीमें और उनके सहयोगी शरणार्थियों को सुरक्षा, आपातकालीन रसद, नगद सहायता और राहत की जरूरी चीजें मुहैया करा रही हैं. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के एक प्रवक्ता ने यूक्रेन के कुछ इलाकों से रूसी सेना की वापसी का स्वागत किया है. हालांकि मदद पहुंचाने की प्रक्रिया आसान बनाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. खारकीव में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का एक कारवां बेकरी और आपातकालीन राशन लेकर पहुंचा है. प्रवक्ता ने जानकारी दी कि “लोग कई कई दिनों से बिना खाने के रह रहे हैं. ये वो लोग है जिन्होंने अपने जीवन में कभी भूख का सामना नहीं किया था” वर्ल्ड फूड प्रोग्राम पहले ही यूक्रेन के 10 लाख लोगों तक खाना पहुंचाने में सफल रहा है.
उसकी कोशिश आने वाले दिनों में यूक्रेन के 40 लाख लोगों तक पहुंचने की है. रूसी तेल का आयात रोकेगा पोलैंड पोलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनका देश रूसी तेल के आयात को 2022 तक पूरी तरह खत्म कर देगा. प्रधानमंत्री मातेउस मोराविकी ने बुधवार को कहा कि पोलैंड ने रूसी तेल पर अपनी निर्भरता को घटाने का काम पहले ही शुरू कर दिया है. मोराविकी का कहना है कि पोलैंड ने यूरोपीय देशों में सबसे सख्त योजना शुरू की है. इसका मकसद रूसी ऊर्जा के स्रोत से मुक्त होना है. मंगलवार को पोलैंड ने रूसी कोयले पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है और दूसरे यूरोपीय देशों को भी इस मुहिम में शामिल होने के लिए कहा है. पोलैंड का कहना है कि रूस ऊर्जा बेच कर कमाए गए धन से युद्ध कर रहा है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए. जर्मनी के वित्त मंत्री रॉबर्ट हाबेक ने कहा है कि वो देश में गैस की सप्लाई को लेकर सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि रूस रूबल में भुगतान की मांग पर अड़ा हुआ है. बुधवार को हाबेक ने पत्रकारों से कहा कि यह तीन में से पहली चेतावनी है. इसके साथ ही उनके मंत्रालय में एक क्राइसिस टीम का गठन कर दिया गया है जो गैस की सप्लाई पर नजर रखेगा. हाबेक का कहना है कि यह कदम रूस के इस बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें जी7 देशों के इनकार के बावजूद रूस गैस का भुगतान रूबल में ही भुगतान चाहता है. हाबेक का कहना है कि जर्मनी में फिलहाल गैस का भंडार उसकी कुल क्षमता का 25 फीसदी है. एनआर/आरएस (एएफपी, एपी, डीपीए).