दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स स्मगलिंग गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर करीब 10 किलोग्राम हेरोइन बरामद की है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस हेरोइन की कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। गिरफ्तार दोनों तस्करों से पूछताछ में पता चला है कि ये एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय गैंग के सदस्य हैं और पिछले 5 साल से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की तस्करी में लिप्त थे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जसमीत सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले नजीर उर्फ नाजिम और दिनेश सिंह के रूप में हुई है। इनके कब्जे से बरामद हेरोइन को म्यांमार से मणिपुर के रास्ते भारत लाया गया था। इन तस्करों के पास से एक कार Maruti SX4 Car No. BR-01-BB-6026 भी बरामद की गई है, जिसमें छुपाने और नशीले पदार्थों के लाने के लिए एक गुप्त जगह बनाई गई है।
डीसीपी ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की उपयुक्त धाराओं के तहत थाना स्पेशल सेल में मामला दर्ज किया गया था। सिंह के अनुसार, 24 मार्च, 2022 को स्पेशल सेल को विशेष सूचना मिली थी कि इस गैंग के दो सदस्य झारखंड से हेरोइन की एक बड़ी खेप लेकर आईएसबीटी सराय काले खां में अपने एक संपर्क को हेरोइन की सप्लाई करने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे टी प्वाइंट पर आएंगे।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ड्रग सप्लायर्स ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ये एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल के सदस्य हैं। इन दोनों ने पिछले पांच सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कुछ हिस्सों में नशीली दवाओं की आपूर्ति में लिप्त होने का खुलासा किया है। उन्होंने झारखंड के चतरा जिले के एक व्यक्ति से यह हेरोइन खरीदी थी और उन्हें दिल्ली में एक व्यक्ति को छह किलोग्राम हेरोइन और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक व्यक्ति को शेष चार किलोग्राम पहुंचानी थी। उन्होंने आगे खुलासा किया कि उनके हेरोइन सप्लायर्स के म्यांमार और मणिपुर में संबंध हैं।
डीसीपी सिंह ने कहा कि म्यांमार से मणिपुर में लाई गई अधिकांश हेरोइन को असम और अरुणाचल प्रदेश के आस-पास के राज्यों में भेजा जाता है और फिर वहां से दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधित पदार्थों का परिवहन किया जाता है।
डीसीपी ने कहा कि इस मामले की जांच के दौरान यह पता चला है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और मणिपुर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अवैध रूप से खेती की गई अफीम से हेरोइन बनाई जाती है। गिरफ्तार किए गए नशीली दवाओं के तस्करों ने आगे खुलासा किया है कि वे झारखंड के दवा निर्माता और सप्लायर्स से भी हेरोइन खरीदते थे।