राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर में मिली सिर कुचली लाश के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आरोपी ने बीमा के पैसे से कर्ज उतारने के लिए खुद की मौत की साजिश रची। दोस्त की हत्या कर उसका सिर कुचल दिया और अपने कपड़े पहना दिए। लाश को हाइवे पर फेंक दिया। वह यह साबित करना चाहता था कि उसकी मौत एक्सीडेंट में हुई है ताकि वो बीमा क्लेम उठा ले। वो अपने ही जुर्म की साजिश में फंस गया। अब जेल में सलाखों के पीछे है।
पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि रिठौली हाइवे के निकट 19 मार्च को सिर कुचली लाश मिली। मरने वाले की जेब में आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस मिला। इन दस्तावेजों के आधार पर लाश की शिनाख्त चंदेरिया थाने के सतपुड़ा निवासी रवींद्र सिंह पुत्र मोती सिंह के रूप हुई है। इनके आधार पर घर वालों को सूचना दी। परिवार वालों ने भी कपड़ों के आधार पर शिनाख्त शव लेकर पोस्टमार्टम कर दिया।
घटना के चार दिन बाद हत्या का खुलासा
भदेसर में चार दिन बाद ग्रामीणों ने एक युवक को चोरी के शक में पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वो सतपुड़ा निवासी रवींद्र सिंह है। इस पर पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने घर वालों को बुलाया और पूछताछ की तो रवींद्र ने इस बात का खुलासा किया कि वो लाश उसके दोस्त प्रतापगढ़ निवासी संतोष कुमार मीणा की थी, जिसकी उसने हत्या कर खुद की मौत की साजिश रची।
आरोपी ने बीमा क्लेम उठाने की बताई साजिश
आरोपी ने बताया कि उसने कई बीमा पॉलिसियां करवा रखी हैं, जिसका उसे 60 से 70 लाख रुपए बीमा क्लेम मिल सकता है। इसके लिए उसने अपने दोस्त संतोष के साथ रिठौला चौराहे के निकट शराब पार्टी की और धारदार हत्या से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने घटना स्थल पर ऐसा सीन क्रिएट किया कि मामला पूरी तरह से एक्सीडेंटल लगे। खुद बाइक को तोड़फोड़ दिया, लाश पर ऐसे निशान किए कि लगे किसी वाहन के साथ घसीटता गया।
सवाल यह है कि इस साजिश में और कौन है?
यह मामला उजागर होने के बाद पुलिस इस तहकीकात में लगी है कि बीमा क्लेम उठाने के लिए रवींद्र सिंह के साथ और कौन लोग हैं। इस बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस को इस बात की आशंका है कि और कोई भी शख्स इसमें शामिल हो सकता है।
संतोष के परिजन ले गए अस्थियां
प्रतापगढ़ जिले रामपुरिया निवासी संतोष की हत्या की सूचना मिलने के बाद उसके पिता किरणलाल, सरपंच प्रतिनिधि मांगीलाल मीणा और रिश्तेदार चित्तौड़गढ़ पहुंचे और रवींद्र सिंह के परिजनों से अस्थियां लेकर गए। संतोष के एक लड़की और चार लड़के हैं।